लखनऊ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले दो आतंकी गिरफ्तार, जानिये दोनों के कारनामे

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित रूप से जासूसी करने एवं आतंकवाद का वित्त पोषण करने के आरोप में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जासूसी करने के आरोपी गिरफ्तार
जासूसी करने के आरोपी गिरफ्तार


लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित रूप से जासूसी करने एवं आतंकवाद का वित्त पोषण करने के आरोप में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

एटीएस मुख्यालय से रविवार को जारी एक बयान के मुताबिक, एटीएस ने पंजाब के भटिंडा के निवासी अमृत गिल उर्फ अमृत पाल (25) और गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के फरीदनगर निवासी रियाजुद्दीन (36) को गिरफ्तार किया है।

बयान में कहा गया है कि एटीएस टीम अमृत गिल को भटिंडा से 23 नवंबर को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाई थी जबकि रियाजुद्दीन को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय तलब किया गया था, जहां उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

एटीएस के अनुसार, यह सूचना मिल रही थी कि कुछ लोगों को संदिग्ध स्रोतों से पैसे मिल रहे हैं, जिसका प्रयोग आतंकी गतिविधियों व जासूसी के लिए किया जा रहा है।

बयान के मुताबिक, आईएसआई के संपर्क में आकर पैसों के लालच में जासूसी करने और संवेदनशील गोपनीय सूचनाएं भेजने की जानकारी मिली थी तथा इसकी छानबीन के बाद एटीएस थाने में रियाजुददीन और इजहारुल हक समेत अन्‍य के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

बयान में कहा गया है कि साक्ष्य संकलन के दौरान एटीएस ने रियाजुद्दीन के बैंक खातों का विश्लेषण किया तो मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच करीब 70 लाख रुपये आने की जानकारी मिली और इसे अलग-अलग खातों में हस्तांतरित भी किया गया।

उसमें बताया गया है कि इसी कड़ी में आईएसआई को सूचना मुहैया कराने वाले ऑटो चालक अमृत गिल को बैंक से पैसे भेजे गये। बयान में आरोप लगाया गया है कि अमृत गिल ने सेना के टैंक आदि की सूचनाएं साझा की थी।

उसमें कहा गया है कि रियाजुद्दीन और इजहारुल की मुलाकात वेल्डिंग का कार्य करते समय राजस्थान में हुई थी और तबसे दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे और पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी के लिए कार्य कर रहे थे।

बयान में कहा गया है कि पूछताछ और प्रारंभिक साक्ष्य संकलन से पता चला कि अमृत गिल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील व गोपनीय जानकारी भेजा करता था तथा इस कार्य के बदले अमृत गिल को रियाजुद्दीन व इजहारुल की मदद से पैसे पहुंचाए जाते थे।

बयान के मुताबिक, इस समय इजहारुल बिहार की बेतिया जेल में बंद है जिसे रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ को एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ कर इनसे जुड़े अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया जाएगा और मामले की जड़ तक पहुंचा जाएगा।










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