Constitution Day 2022: संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना को किया लांच, जानिये संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

आज के ही दिन 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना को किया लांच
संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना को किया लांच


नई दिल्ली: 26 नवंबर 1949 को आज के ही दिन भारत ने संविधान को अंगीकार किया था। इस मौके पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले ई-कोर्ट परियोजना की शुरुआत की। इस परियोजना के तहत वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, डिजिटल कोर्ट और जस्टिस मोबाइल एप 2.0 शुरू की जाएगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान देने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी। पहले इस दिन को विधि दिवस के तौर पर मनाया जाता था। 

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पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में जो ‘We the people’ लिखा है, ये केवल तीन शब्द नहीं है। यह एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है। संविधान में लिखी भावना उस भारत की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी है। 

अटार्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जाति और अन्य सामाजिक विभाजन की कुछ हानिकारक समस्याओं को मिटाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समानता का दावा जटिल है और नए विभाजन पैदा किए बिना कानून, समाज और अदालतों के बीच समन्वय के लिए आवास बनाया जाना चाहिए।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि डा बीआर अंबेडकर ने कहा था कि इस स्वतंत्रता ने हम पर बड़ी जिम्मेदारियां डाली हैं, जिसे हमे आज भी याद रखना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है ताकि न्यायिक प्रणाली में हमारे देश के आम लोगों का विश्वास बढ़ाया जा सके और उन्हें भी जुड़ा हुआ महसूस कराया जा सके।

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