Paris Olympics 2024: कोच अंशुल गर्ग का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीदें

सुभाष रतूड़ी

खेलों के वैश्विक महाकुंभ पेरिस ओलंपिक का आगाज होने वाला है। इस बार के ओलंपिक खेल में टीम इंडिया से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीदें की जा रही है। डाइनामाइट न्यूज़ के खास कार्यक्रम में डाइनमिक डाइनामाइट न्यूज़ में इस बार हमने खास बातचीत की टेबल टेनिस के युवा खेल प्रशिक्षक अंशुल गर्ग से। पढ़िये पूरी रिपोर्ट



नई दिल्ली: खेलों के वैश्विक महाकुंभ पेरिस ओलंपिक 2024 शुरू होने वाला है। समूचा खेल जगत पेरिस ओलंपिक का बेसब्री से इंतजार कर रहा हैं। इस बार टीम इंडिया से भी पेरिस ओलंपिक में अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीदें की जा रही है। 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। खिलाड़ियों के अलावा खेलों के कोच, स्पोर्ट्स स्टॉफ और खेल अधिकारी भी ओलंपिक्स में शामिल होंगे।

पेरिस ओलंपिक के आगाज से ठीक पहले डाइनामाइट न्यूज़ के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘डाइनमिक डाइनामाइट’ में टेबल टेनिस के कोच अंशुल गर्ग से बातचीत की। 

अंशुल गर्ग ने कहा कि पेरिस ओलंपिक्स खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जिस तरह से स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रकचर मजबूत हो रहा है और खेल व खिलाडियों पर खास ध्यान दिया जा रहा है, उससे निकट भविष्य में ओलंपिक्स मैडल टैली में भारत टॉप 5 देशों में शामिल हो जायेगा।

पेरिस रवाना होने से ठीक पहले डाइनामाइट न्यूज़ ने अंशुल गर्ग से ओलंपिक खेलों में भारतीय टेबल टेनिस टीम से उम्मीदों के साथ ही खेल संबंधी कई मुद्दों पर बातचीत की। अंशुल गर्ग पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी अर्चना गिरीश कामथ के निजि कोच के तौर पर भी शामिल हो रहे हैं। 

अंशुल गर्ग का पूरा इंटरव्यू आप इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।

खेल प्रशिक्षक के तौर पर अंशुल अब तक कई नेशनल और इंटरनेशल खिलाड़ियों को तैयार कर चुके हैं। वे खुद भी टेबल टेनिस के अव्वल खिलाड़ी रहे चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ के समाचार संपादक सुभाष रतूड़ी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अंशुल ने कहा “मैंने आज से 25 साल पहले अपने चाचा के साथ रहकर कानपुर से अंडर 11 में खेलना शुरू किया। मेरा परिवार मेरठ रहता था। मेरे चाचा टेबल टेनिस के कोच थे। मैंने अपने पहले ही टुर्नामेंट में डिस्ट्रिक्ट का सेमीफाइनल मैच खेला। यहीं से मुझे किक मिला और फिर मैनें टेबल टेनिस खेल को करियर के रूप में अपनाने का निर्णय लिया”। 

पेरिस में टीटी कोर्ट पर अंशुल गर्ग

अंशुल ने बताया कि तीन साल तक वे अंडर 11 और अंडर 15 में यूपी नंबर 2 रहे। उसके बाद वे जूनियर्स टीम में खेलते हुए यूपी से नंबर 1 रहे। इसके बाद मैंस कैटिगिरी में वे लगातार तीन साल तक यूपी स्टेट चैंपियन रहे। अंशुल उसके बाद दिल्ली शिफ्ट हुए और दिल्ली स्टेट में भी टेबल टेनिस के नंबर 1 खिलाड़ी रहे। 

खेलों को अपना करियर चुनने से जुड़े सवाल के जबाव में इस युवा कोच ने कहा कि जिस समय उन्होंने टेबल टेनिस छोड़ा, उस समय वे अंडर-21 वर्ग में दिल्ली नंबर-1 और इंडिया नंबर-9 रैंक पर थे। 

अंशुल ने कहा “यहां तक पहुंचने के बाद मुझे लगा कि यदि आगे बढ़ना है तो कोई अच्छी कोचिंग लेनी होगी। लेकिन पैसों का अभाव था। तब मैने एक खिलाड़ी के रूप में टेबल टेनिस को छोड़ने और टेबिल टेनिक का कोच बनने का फैसला लिया। तबसे मैं कोच की भूमिका में हूं। मुझे आज कुल 18 साल का कोचिंग का अनुभव है।“

एक अन्य सवाल के जवाब में अंशुल ने बताया कि उनके द्वारा अब तक प्रशिक्षित 15 से 20 खिलाड़ी इंटरनेशल लेवल पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसमें प्रमुख रूप से लालिन पुहिया, सुधांशु ग्रोवर, अभिषेक यादव, विवेक भार्गव, शुभम ओझा, आदर्श ओम छेत्री, पायस जैन आदि हैं।

पेरिस ओलंपिक्स का आगाज 26 जुलाई से

उन्होंने बताया कि “जिस साल मैं पायस को ट्रेनिंग दे रहा था उस समय वह वर्ल्ड नंबर 1 भी हुए। ये सभी अपने-अपने वर्ग में नेशनल चैंपियन भी हैं। यदि आदर्श जारी रखता तो वो वर्ल्ड के टॉप 4 में होता। यदि केवल नेशनल की बात करें को लगभग 200-300 खिलाड़ी है, जो नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं। मैं जो कोचिंग चलाता हूं, उसमें 30 में से 25 खिलाड़ी अपने-अपने स्टेट की टीम में टॉप4 तक में शामिल हैं”।

पेरिस ओलंपिक्स में कोच की जिम्मेदारी से जुड़े सवाल के जवाब में अंशुल ने कहा कि “ये दायित्व पाकर मैं बहुत खुश हूं। हर कोच का सपना होता है ओलंपिक तक पहुंचना। इसके बाद तो केवल एक ही सपना होता कि ओलंपिक से गोल्ड जीतने का। मैं इसके लिये ईश्वर का शुक्रगुजार हूं”।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि आपको कहीं भी टॉप पर पहुंचना है तो सभी कहते हैं कि इसके लिये कड़ी मेहनत जरूरी है। लेकिन मैं सोचता हूं कि कठिन मेहनत के साथ निरंतरता भी बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हमेशा सकारात्मक सोच जरूरी है। 

ओलंपिक्स में अपनी बड़ी जिम्मेदारी को निभाने की तैयारियां से संबंधित सवाल के जवाब में अंशुल ने कहा कि वे इसके लिये अपने खिलाड़ियों को स्पेशल प्रशिक्षण देने के साथ ही स्ट्रेस मैनेजमैंट, दबाव से उबरने के टिप्स, फिटनेस, कम प्वाइंट्स के बाद भी खेल को अपने पक्ष में करने के लगातार प्रयासों जैसे कई अहम पहलुओं पर काम कर रहे हैं।

अंशुल ने इस इंटरव्यू में खेल को करियर के रूप में अपनाने वालों को जरूरी टिप्स, खेलों को सरकार द्वारा दिये जा रहे सपोर्ट सिस्टम, स्कूली खेल मैदान से ओलंपिक के मैदान तक पहुंचने की यात्रा तय करने के चरण, आर्थिक तंगी के कारण महंगी कोचिंग अफोर्ड नहीं कर सकने वाले युवाओं को जरूरी सलाह समेत खेल जगत और खिलाड़ियों से जुड़ी कई जरूरी बातों को भी साझा किया।

अंशुल गर्ग का पूरा इंटरव्यू आप इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।










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