नई दिल्ली: क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने व्यक्ति को गिरफ्तार किया

डीएन ब्यूरो

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वयं को कनाडा सरकार का अधिकारी बताकर संपत्ति क्रिप्टो करंसी वॉलेट में स्थानांतरित कराने और साथियों के साथ मिलकर उस धन का गबन कर एक कनाडाई नागरिक को ठगने के आरोप में दिल्ली के एक निवासी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

गिरफ्तार (फाइल)
गिरफ्तार (फाइल)


नई दिल्ली: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वयं को कनाडा सरकार का अधिकारी बताकर संपत्ति क्रिप्टो करंसी वॉलेट में स्थानांतरित कराने और साथियों के साथ मिलकर उस धन का गबन कर एक कनाडाई नागरिक को ठगने के आरोप में दिल्ली के एक निवासी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई ने मंगलवार को उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर निवासी आरोपी साहिल पाल के परिसरों पर छापे के दौरान एक करोड़ रुपये बरामद किए।

अधिकारियों ने बताया कि कनाडाई प्रशासन से मिली जानकारी के आधार पर 11 मई को साहिल पाल और आशीष भम्बानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि पाल को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 29 जुलाई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है।

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अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने स्थानीय खुफिया विभाग से मिली जानकारी और सर्विलांस से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की तथा मंगलवार को दोनों आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई।

सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई ने क्रिप्टो धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच के तहत आरोपियों के विभिन्न जगहों पर स्थित परिसरों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक आरोपी के परिसर से करीब एक करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।’’

एजेंसी ने कहा कि ऐसा आरोप है कि आरोपी ने स्वयं को कनाडा का सरकारी अधिकारी बताकर धोखाधड़ी के कृत्य को अंजाम दिया।

सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि मुखर्जी नगर निवासी पाल और पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी भम्बानी ने कथित रूप से खुद को कनाडा सरकार का अधिकारी बताया और पिछले साल सितंबर में क्यूबेक निवासी त्रिशान गुसार्ड के साथ धोखा किया।

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एजेंसी का आरोप है कि दोनों आरोपियों ने त्रिशान से कहा कि वह अपने ‘सोशल इंश्योरेंश नंबर’ में गडबड़ी के कारण धोखाधड़ी के आरोपों से बचने के लिए क्रिप्टो वॉलेट में 7006 कनाडाई डॉलर (4.35 लाख रुपये) डाले।

प्राथमिकी में आरोप है कि त्रिशान को कोई संदेह नहीं हुआ और उसने बिटक्वाइन एटीएम के माध्यम से राशि जमा करवा दी। इसमें कहा गया है कि वॉलेट अंतिम बार ऐसे आईपी एड्रेस के माध्यम से बिनान्स एप्लिकेशस के जरिए सक्रिय था जिस पर भम्बानी के नाम से पंजीकृत मोबाइल नंबर से 103 बार लॉगइन किया गया।

 










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