नेपाल में सियासी बवाल जारी, PM ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर, संसद भंग, अप्रैल-मई में चुनाव

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में रविवार को बड़ा सियासी संकट सामने आया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपतिने संसद भंग करने की अनुमति दे दी है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

Updated : 20 December 2020, 5:19 PM IST
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नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में रविवार को बड़ा सियासी उलटफेर सामने आया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अचानक संसद को भंग करने का अभूतपूर्व फैसला सुनाया। ओली कैबिनेट के संसद भंग करने के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की मुहर लग गयी है। राष्ट्रपति ने मंजूरी के साथ हुए संसद भंग करने को अनुमति दे दी है। इसके साथ ही अप्रैल- मई 2021 में अगले चुनाव कराने की घोषणा की गयी है।

नेपाली पीएम ओली ने आज सुबह अचानक कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई और संसद को भंग करने का फैसला सुनाया। कैबनेट की संसद भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिये भेजी गयी थी। राष्ट्रपति कार्यालय से रविवार दोपहर बाद बयान जारी कर कहा कि पीएम ओली कि सिफारिश के बाद संसद भंग करने का फैसला लिया गया है। अगले चुनाव अप्रैल- मई 2021 में होंगे।

नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली के इस फैसले से नेपाल समेत कई देश हैरान हैं। ओली के इस फैसले के बाद वहां की राजनीति में खलबली मच गयी है। नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें संसद को भंग करने की सिफारिश को लेकर चर्चा की गयी। इसे लेकर आगे की रणनीति भी तय की जायेगी।

नेपाल के विपक्षी दलों समेत कई नेताओं ने पीएम ओली के इस फैसले को हैरान करने वाला बताया है। हालांकि इस फैसले के पीछे की असली वजहें अभी सामने आनी बाकी है। विपक्षी दल भी पीएम के फैसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुट गये हैं। 

Published : 
  • 20 December 2020, 5:19 PM IST

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