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NEET Paper Leak: पेन-पेपर से नहीं, ऑनलाइन होगा NEET एग्जाम, पेपर लीक विवाद के बीच सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

नीट पेपर लीक को लेकर मचे हंगामे के बीच इसके फॉर्मेट में बदलाव की भी बात होने लगी है। अब देखना है कि इस पर फैसला कितनी जल्दी लिया जाता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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NEET Paper Leak: पेन-पेपर से नहीं, ऑनलाइन होगा NEET एग्जाम, पेपर लीक विवाद के बीच सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

नई दिल्ली: नीट यूजी एग्जाम के कथित पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसी बीच सरकार अगले साल से नीट एग्जाम को ऑनलाइन करवाने पर विचार कर रही है। नीट पेपर लीक को लेकर महाराष्ट्र से बिहार तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है।

इसके अलावा मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है। संसद में भी नीट पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है, जहां विपक्ष इस पर चर्चा की मांग कर रहा है।

वर्तमान में नीट यूजी एग्जाम पेन और पेपर मोड में करवाया जाता है। इस पेपर का फॉर्मेट एमसीक्यू वाला होता है, जिसमें छात्रों को आंसर चुनने के लिए ऑप्शन दिए जाते हैं। छात्र अपने आंसर को एक ओएमआर शीट पर लिखते हैं, जिसे बाद में स्कैन किया जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई मौकों पर नीट यूजी एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर असहमति जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ही नीट एग्जाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित करवाती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अभी आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन्स और अडवांस्ड एग्जाम ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं। केंद्र सरकार ने एनटीए में सुधार और एग्जाम प्रोसेस में समीक्षा करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। इस पैनल की पिछले एक हफ्ते में हुई कम से कम तीन हाई लेवल की बैठकों में जेईई एग्जाम के फॉर्मेट पर चर्चा की है। 

वहीं, एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले कई छात्र हैं, जो जेईई मेन में हिस्सा लेते हैं और जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई करते हैं। ये दोनों ही टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड हैं। फिर ग्रामीण इलाकों के नीट अभ्यर्थियों के लिए यह समस्या क्यों होनी चाहिए?" सूत्रों ने कहा कि एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) पर निर्भर करता है। एनएमसी के सूत्रों ने भी स्वीकार किया कि ऑनलाइन परीक्षा एक विकल्प है। 

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