कैलिफोर्निया में गिरफ्तार 17 लोगों में से दो के खिलाफ भारत में हत्या का मामला, जानिये पूरी आपराधिक वारदात

डीएन ब्यूरो

कैलिफोर्निया में सप्ताहांत को गिरफ्तार किए गए दो प्रतिद्वंद्वी गिरोह के 17 सिखों में से दो भारत में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि दो अन्य अन्य आपराधिक मामलों में वांछित हैं। पढ़िये डाइनामइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सामूहिक गोलीबारी में अब तक 17 गिरफ्तारियां
सामूहिक गोलीबारी में अब तक 17 गिरफ्तारियां


वाशिंगटन: कैलिफोर्निया में सप्ताहांत को गिरफ्तार किए गए दो प्रतिद्वंद्वी गिरोह के 17 सिखों में से दो भारत में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि दो अन्य अन्य आपराधिक मामलों में वांछित हैं।

कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल के एक प्रवक्ता के अनुसार, पवित्र सिंह और हुसैनदीप सिंह भारत में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनकी नागरिकता के बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि वे अब भी भारतीय नागरिक हैं और अमेरिका में शरण लेने का उनका आवेदन लंबित है।

स्थानीय और संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कई जगह छापेमारी कर उत्तरी कैलिफोर्निया के विभिन्न शहरों से 17 सिख पुरुषों को गिरफ्तार किया था। उनमें से अधिकतर ऐतिहासिक ‘युवा शहर’ और उसके आसपास के थे। ये लोग दो प्रतिद्वंद्वी सिख गिरोहों से नाता रखते हैं। इन गिरोह के नाम ‘मिंटा ग्रूप’ और ‘एके47 ग्रूप’ हैं। दोनों गिरोह के कम से कम 30-30 सदस्य हैं।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी आश्चर्य हुआ था जब इनके पास से कई खतरनाक आग्नेयास्त्रों बरामद हुए।

सट्टर काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जेनिफर डुप्रे ने कहा, ‘‘ कार्रवाई के दौरान 41 आग्नेयास्त्र जब्त किए गए, जिनमें एआर15, एके-47, हैंडगन और कम से कम एक मशीन गन शामिल है।’’

सैन जोकिन काउंटी से गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो धर्मवीर सिंह उर्फ मिंटा और जोबनजीत सिंह को मंटेका जाने के रास्ते में रोका गया था। वे मंटेका में कथित तौर पर पिस्तौल, मैगजीन और पूरी तरह से स्वचालित हथियारों के जरिए एक बड़ा हमला करने वाले थे।

डुप्रे ने बताया कि सप्ताहांत में सैक्रामेंटो में एक सिख परेड में पहुंचने से पहले कानून प्रवर्तन दो वाहनों को रोकने में कामयाब रहे।

डुप्रे ने बताया कि इन दो आपराधिक गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद समुदाय की प्रतिक्रिया ‘‘काफी सकारात्मक’’ है और सामूहिक गोलीबारी को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सराहना की जा रही है।










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