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बिहार में खनन माफियाओं अब खैर नहीं, इंस्पेक्टर को दिया जाएगा हथियार प्रशिक्षण, जानिये पूरा मामला

बिहटा में अवैध रेत खनन माफियाओं द्वारा दो महिला खदान निरीक्षकों समेत तीन खनन अधिकारियों पर क्रूर हमले के कुछ दिनों बाद खनन एवं भूगर्भ विभाग ने भविष्य में ऐसे हमलों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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बिहार में खनन माफियाओं अब खैर नहीं, इंस्पेक्टर को दिया जाएगा हथियार प्रशिक्षण, जानिये पूरा मामला

पटना: बिहटा में अवैध रेत खनन माफियाओं द्वारा दो महिला खदान निरीक्षकों समेत तीन खनन अधिकारियों पर क्रूर हमले के कुछ दिनों बाद खनन एवं भूगर्भ विभाग ने भविष्य में ऐसे हमलों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है।

विभाग ने पटना जिले के बिहटा प्रखंड में पिछले महीने अवैध खनन की एक जांच अभियान के दौरान कथित खनन माफियाओं से निपटने के लिए दो महिला निरीक्षकों अमेया कुमारी और सैय्यद फरहीन को पुरस्कृत करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

अधिकारी ने बताया कि पटना, सारण, वैशाली, भोजपुर और कैमूर जिलों में अवैध खनन (रेत) के भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए खनन विभाग के अधिकारियों की सहायता के लिए पांच-पांच जिलों में सुरक्षा बलों की एक समर्पित कंपनी उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-खनन आयुक्त हरजोत कौर बमराह ने शुक्रवार को कहा, 'बिहटा में हुई घटना के बाद विभाग ने अब अधिकारियों को दो सप्ताह का हथियार चलाने का प्रशिक्षण करवाने का फैसला किया है। जिसमें लगभग 30 महिला अधिकारियों और सभी 90 निरीक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।'

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मद्य निषेध, आबकारी और पंजीकरण विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में खनन अधिकारियों को शस्त्र प्रशिक्षण और बल कमांडिंग कौशल प्रदान किया जाएगा, उन्होंने कहा कि यह बहुत जल्द शुरू हो जाएगा क्योंकि इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

गौरतलब है कि पिछल महीने 17 अप्रैल को पटना के बिहटा प्रखंड में अवैध रेत खनन में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों के एक समूह ने दो महिला खदान निरीक्षकों सहित खनन अधिकारियों की एक टीम पर हमला कर दिया था। इस घटना में तीन अधिकारी और कई कांस्टेबल घायल हो गए थे।

इस घटना का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया वायरल हुआ था, जिसमें लोगों का एक समूह महिला अधिकारियों के साथ मारपीट करता हुआ नजर आ रहा था।

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