

भारत में वांछित और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार गिरफ्त में आ गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में वांछित और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी (65) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उसे बेल्जियम में शनिवार को गिरफ्तार किया गया। वह अभी भी जेल में है। भारतीय एजेंसियां उन्हें भारत लाने की कोशिश कर रही हैं। CBI अब बेल्जियम के अधिकारियों से संपर्क में है ताकि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
भारत की प्रत्यर्पण की अपील के बाद बेल्जियम में यह कार्रवाई की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मेहुल चोकसी स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था लेकिन ईडी-सीबीआई की रणनीति के आगे उसकी नहीं चली।
भगोड़े मेहुल चोकसी पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने नजर बनाए रखी। पिछले साल उन्हें पता चला कि वह बेल्जियम में है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने तुरंत एजेंसियों को सूचित किया। धोखाधड़ी के मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी साझा किए गए। बेल्जियम पुलिस ने 12 अप्रैल को मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया और पाया कि वह स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। मेहुल की पत्नी प्रीति बेल्जियम की नागरिक है।
गीतांजलि समूह के मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी मोदी और उनके भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी पंजाब नेशनल बैंक में 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
65 साल का मेहुल चोकसी 2018 में भारत से भाग गया था। घोटाला सामने आने के बाद वह देश छोड़कर एंटीगुआ चला गया, जहां उसने निवेश कार्यक्रम के जरिए नागरिकता ले ली थी।
मेहुल चोकसी ने बेल्जियम में निवास कार्ड पाने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए। उसने यह भी छिपाया कि वह भारत और एंटीगुआ का नागरिक है। इससे पहले फरवरी में चोकसी के वकील ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि वह भारत नहीं लौट सकता, क्योंकि वह रक्त कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम में था।
भगोड़े कारोबारी ने यह भी कहा था कि वह भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में पेश होने के लिए तैयार है। हालांकि, इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया और एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की दिशा में काम करती रहीं।
अब भारतीय अधिकारी उसे मुकदमे के लिए वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने कहा है कि वह जमानत के लिए अर्जी दाखिल करेगी और भारत में उसके प्रत्यर्पण का विरोध करेगी।
कानूनी और कूटनीतिक जटिलताओं के साथ-साथ चोकसी की कथित बीमारियां भी इस प्रक्रिया में बड़ी बाधा बन सकती हैं। वह पहले भी अपनी बीमारियों का बहाना बनाकर प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर चुका है।
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