माओवादियों ने निर्माण कंपनी के दो कर्मियों को मुक्त किया, एक अब भी बंधक
बिहार के गया जिले के लुटूआ थाना क्षेत्र में एक पुल के निर्माण में लगी एक निजी कंपनी के तीन कर्मियों को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के हथियार बंद दस्ते ने रविवार की रात अपहृत कर लिया था, जिनमें से दो को 30 लाख रुपए की लेवी की मांग के साथ मुक्त कर दिया जबकि एक अब भी उनके कब्जे में है । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गया: बिहार के गया जिले के लुटूआ थाना क्षेत्र में एक पुल के निर्माण में लगी एक निजी कंपनी के तीन कर्मियों को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के हथियार बंद दस्ते ने रविवार की रात अपहृत कर लिया था, जिनमें से दो को 30 लाख रुपए की लेवी की मांग के साथ मुक्त कर दिया जबकि एक अब भी उनके कब्जे में है ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) विनय कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए सोमवार को बताया कि गया पुलिस अर्द्धसैनिक बल के साथ मिलकर अपहृत कर्मी शाहबाज खान की सकुशल बरामदगी के लिए प्रयासरत है।
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उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों के खिलाफ पड़ोसी राज्य झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में तलाश अभियान जारी है ।
गया जिले के लुटूआ थाना क्षेत्र अंतर्गत मंडावर नदी पर पुल निर्माण करा रही एक निजी निर्माण कंपनी के तीन कर्मियों, कंपनी के मुंशी शाहबाज खान और जनक सिंह तथा गार्ड अर्जुन यादव को रविवार की रात करीब आठ बजे नक्सली हथियार का भय दिखाकर अपने साथ ले गए।
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नक्सलियों ने करीब एक घंटे के बाद तीस लाख रुपए अवैध लेवी की मांग के साथ दो अपहृत अर्जुन यादव और जनक सिंह को मुक्त कर दिया था जबकि शाहबाज अब भी उनके कब्जे में है।