India Ageing Report 2023: इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 में कई खुलासे, भारत में तेजी से बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या
इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि भारत जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर बढ़ रहा है और भारत में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत इस समय विश्व का सबसे युवा देश है। लेकिन जनसांख्यिकीय बदलाव के कारण भारत में बुजुर्गों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भारत में बुजुर्गों की देखभाल से जुड़े ग्राफ में हालांकि बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन कई मौकों पर इसमें अब भी बड़ी चुनौतियां बनी हुई है। देश में वरिष्ठ नागरिकों के विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाया जाना समय की बड़ी मांग है।
इन बातों का खुलासा बहुप्रतीक्षित "इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023" में हुआ है, जो बुधवार को पेश की गई। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) भारत ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के सहयोग से तैयार की है।
यह रिपोर्ट रिपोर्ट सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और यूएनएफपीए की भारत प्रतिनिधि और कंट्री डायरेक्ट भूटान एंड्रिया एम. वोज्नार द्वारा संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम में जारी की गई।
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इस मौके पर सौरभ गर्ग ने कहा कि जैसे-जैसे भारत की उम्र बढ़ रही है, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमारी बुजुर्ग आबादी को स्वस्थ, सम्मानजनक और पूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक देखभाल और सहायता मिले। उन्होंने सभी सभी संबंधित संस्थाओं और हितधारकों से इस रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने को भी कहा।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर 60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों की आबादी का हिस्सा 2021 में 10.1 प्रतिशत था, जो 2036 में बढ़कर 15 प्रतिशत और 2050 में 20.8 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। सदी के अंत तक देश की कुल आबादी में बुजुर्गों की संख्या 36 प्रतिशत से अधिक होगी।
यह रिपोर्ट भारत में बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ी चुनौतियों, अवसरों और संस्थागत प्रतिक्रियाओं पर व्यापक प्रकाश डालती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर बढ़ रहा है और भारत में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है।
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रिपोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए कई अनुशंशाएं की गईं है। इसके साथ ही आनंदपूर्ण उम्र बढ़ने, सामाजिक सहायता, वृद्धाश्रम और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए देश भर में कॉर्पोरेट प्रयास किये जाने की भी सिफारिश की गई है।