Maharashtra: परभणी में संविधान के अपमान को लेकर बवाल, गुस्साए लोगों ने की आगजनी

वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले 24 घंटों के भीतर सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 December 2024, 2:56 PM IST
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मुंबईः महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को संविधान के अपमान को लेकर हिंसा भड़क गई। आगजनी और पथराव के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग की है।

इस घटना पर वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब बाबासाहेब की प्रतिमा या दलित पहचान के प्रतीक पर इस तरह की तोड़फोड़ की गई हो। आंबेडकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों द्वारा बाबासाहेब की प्रतिमा पर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाना बहुत ही शर्मनाक है।'

बहुजन नेता ने आगे कहा, 'वीबीए परभणी जिले के कार्यकर्ता सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उनके विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और उपद्रवियों में से एक को गिरफ्तार किया। मैं सभी से कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। अगर अगले 24 घंटों के भीतर सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे।'

 

उधर, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में लगी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं। बेकाबू लोगों को कंट्रोल करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।

क्यों भड़की परभणी में हिंसा?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंगलवार को किसी उपद्रवी ने परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर बी आर अंबेडकर की प्रतिमा के पास रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद आगजनी और पथराव हुए। इसके विरोध में कई संगठनों ने शहर में बंद की अपील की थी। बंद के दौरान अचानक लोग भड़क गए। उपद्रवियों ने कई जगहों पर आगजनी शुरू कर दी। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

सख्त कार्रवाई की मांग

हिंसा पर एनसीपी-शरद पवार की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि परभणी शहर में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास जिस तरह से एक सामाजिक कार्यकर्ता ने संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किया, वह बेहद अपमानजनक है। इस कृत्य को करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। संविधान की अवहेलना करने वालों को कहना होगा कि संविधान के समानता के सिद्धांत अमान्य हैं। इस जघन्य कृत्य की निंदा करें।