महराजगंज: पंचायत चुनाव में वोटिंग से वंचित रह गये कई लोग, सुनिये उनका दर्द, जानिये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये कल महराजगंज जनपद के मतदाताओं ने गांव की सरकार के गठन के लिये वोटिंग की लेकिन इस दौरान लगभग 120 लोग वोटिंग से वंचित रह गये। पढिये डाइनामाइट न्यूज की यह स्पेशल रिपोर्ट
महराजगंज: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के गठन के लिये कल सोमवार को दूसरे चरण का मतदान किया गया। महराजगंज में भी सोमवार को पंचायत चुनाव के लिये दूसरे चरण की वोटिंग हुई लेकिन जिले के कई लोग चाहते हुए भी इस चुनाव में वोटिंग न कर सके। दरअसल, जब ये लोग मतदान के लिये गये तो उन्हें पता चला कि उनका नाम वोटिंग लिस्ट में है ही नहीं, जिसके बाद वे वोट डाले बिना मायूस लौट आये। इन लोगों ने आज जिला प्रशासन से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
यह मामला जनपद के घुघली ब्लॉक के ग्राम सभा अमवा भैंसी (श्यामनगर) का है, जहां के 120 लोग पंचायत चुनाव में वोटिंग नहीं कर सके। इन लोगों ने पूर्व ग्राम प्रधान पर मतदाता सूची से उनका नाम कटवाने का गंभीर आरोप लगाया है और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एडीएम को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में इन ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लगभग 120 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सभा अमवा भैंसी की बीएलओ श्रीमती बालकेश्वरी देवी के संज्ञान में भी यह मामला है।
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ग्रामीणों का कहना ने पूर्व ग्राम प्रधान शिवपरसन वर्मा, जो वर्तमान में भी ग्राम प्रधान के उम्मीदवार है, पर अनुचित राजनैतिक लाभ के उद्देश्य के लिये कई व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची से हटाने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि शिवपरसन द्वारा जानबूझकर कई लोगों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं कराया गया।
डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामसभा के ही विवाहित लड़कियों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कर उनसे वोट डलवाये जा रहे थे। इसकी शिकायत पीठासीन अधिकारी से करने पर बीएलओ को बुलाने का आदेश दिया गया ताकि जिन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में नही है, उनका भी वोट पड़ सके।
ग्रामीणों ने कहा कि पीठासीन अधिकारी के आदेश पर दो व्यक्ति बीएलओ के घर भी गए लेकिन बीएलओ वहां मारपीट का माहौल बन गया व हरिजन उत्पीड़न के मुकदमे में फंसा देने की बात कही गई, जिसके बाद लोग वापस लौट आये।
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ग्रामीणों ने एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल को ज्ञापन देते हुए मामले की निष्पक्ष जांच औक दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।