लखनऊ: जिंदगी की जंग हारा 18 वर्षीय आर्यन, जय-विजय के साथ प्रशासन भी दुखी

डीएन संवाददाता

सबका चहेता आर्यन काफी दिनो से बीमार चल रहा था। पिछले 3-4 दिनों से उसने खाना-पीना भी बंद कर दिया था। 18 वर्षीय आर्यन आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। आर्यन की मौत से उसकी पत्नी, बच्चे जय-विजय ही नहीं बल्कि पूरा प्रशासन भी मायूस और दुखी है..



लखनऊ: 18 सालों से लखनऊ चिड़ियाघर की शान रहा वाइट टाइगर आर्यन आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। दुनिया की दुर्लभ प्रजातियों में से एक आर्यन 4 नवंबर से बीमार चल रहा था। उसे बचाने की काफी कोशिशें की गई। मगर उसे बचाया न जा सका और आज उसकी मौत हो गई।

लखनऊ चिड़ियाघर निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वाइट टाइगर आर्यन पिछले 4 नवंबर से बीमार चल रहा था। उसके इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी लगाई गई थी। मगर पिछले 3-4 दिनों से उसने खाना पीना बंद कर दिया था। आर्यन केवल पानी पी रहा था। सिंह ने बताया कि जब परिवार में किसी पालतू जानवर की मौत होती है। तब पूरा परिवार दुखी होता है। ठीक उसी तरह से वाइट टाइगर आर्यन की मौत से पूरा स्टाफ दुखी है। साथ ही दर्शकों में भी मायूसी छाई है।

आर्यन चिड़ियाघर आने वाले पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता था। अपनी दहाड़ से  वह दर्शकों का ध्यान खींचने में माहिर था। आर्यन की मौत से पूरा स्टाफ दुखी है। आर्यन की देखभाल में लगे मुबारक और अन्य स्टाफ को जब उसकी मौत की खबर मिली तो वह अपने आंसू नहीं रोक सके।

 अस्पताल प्रांगण में चिड़ियाघर के निदेशक, रेंजर और कीपर ने 20 किलो की फूलों की माला चढ़ाकर आर्यन को अंतिम विदाई दी। आर्यन के कुनबे में बीवी विशाखा और बच्चे जय, विजय हैं। जो आज बहुत उदास है। आर्यन के रहते बाड़े में खूब चहल पहल रहती थी। मगर आर्यन की मौत के बाद बाड़े मे भी सन्नाटा पसरा है।










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