UP में गहराया और बड़ा संकट, बिजली कर्मियों की हड़ताल में अब अफसर भी शामिल, जनता में बढ़ा आक्रोश
निजीकरण के विरोध में यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। अब अधिकारियों ने भी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इससे राज्य में बिजली संकट के और गहराने की आशंका बढ़ गई है। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है। राज्य में यह संकट अब और ज्यादा गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। मंगलवार को यूपी पावर ऑफिसर्स असोसिएशन ने भी इस हड़ताल को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। विद्युत कर्मियों की हड़ताल के कारण राज्य में छाये अंधेरे को लेकर जनता में लगातार आक्रोश बढता जा रहा है।
यूपी पावर ऑफिसर्स असोसिएशन ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर राज्य में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। अधिकारियों के इस ऐलान से बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अब पूरा समर्थन मिल गया है। संविदा कर्मचारी भी पहले से ही हड़ताल पर चल रहे हैं। ऐसे में यह समस्या और गहरा सकती है।
यूपी पावर ऑफिसर्स असोसिएशन ने कहा है कि प्रदेश की सभी डिस्कॉम के अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। असोसिएशन का कहना है कि 5 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री के साथ बातचीत में संगठन और प्रबंधन के बीच सुधारों को लेकर सहमति बन गई थी। लेकिन ऐन मौके पर उच्च प्रबंधन अपनी बात से मुकर गया है।
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असोसिएशन के अधिकारियों का आरोप है कि पावर कार्पोरेशन के उच्च प्रबंधन का अपनी बात से मुकरना और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से अब इनकार करना गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। अधिकारियों का कहना है कि इस साजिश को लेकर एसोसिएशन में गहरा गुस्सा है और पावर ऑफिसर्स असोसिएशन के सदस्यों के सामने आंदोलन पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
असोसिएशन का यह भी कहना है कि अगर प्रदेश की जनता को समस्या का सामना करना पड़ता है तो इसके लिए पावर कॉर्पोरेशन का शीर्ष प्रबंधन और यूपी सरकार जिम्मेदार होंगे। असोसिएशन ने मंगलवार शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर जाने का फैसला किया है।
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दूसरी तरफ पावर कट के कारण राज्य में गहराते अंधकार के कारण राज्य की जनता का आक्रोश भी लगातार बढता जा रहा है, क्योंकि बिजली न होने के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इस समस्या का समाधान करने में जुटी हुई है लेकिन अभी तक सरकार के इस दिशा में कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि राज्य के बिजली कर्मचारी इसके लिये सरकार को दोषी करार दे रहे हैं। जबकि सरकार जनता के समस्या के लिये बिजली कर्मचारियों को दोषी मान रही है। राज्य में बिजली का संकट लगातार गहराता जा रहा है।