Site icon Hindi Dynamite News

दिल्ली के इस मेडिकल कॉलेज में छात्रों की बुनियादी सुविधाओं का अभाव, एनएमसी ने सरकार से क्या कहा

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया कि केंद्र द्वारा संचालित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कई मानदंडों के तहत एमबीबीएस छात्रों के प्रशिक्षण के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जो आयोग के नियमों का उल्लंघन है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
दिल्ली के इस मेडिकल कॉलेज में छात्रों की बुनियादी सुविधाओं का अभाव, एनएमसी ने सरकार से क्या कहा

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया कि केंद्र द्वारा संचालित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कई मानदंडों के तहत एमबीबीएस छात्रों के प्रशिक्षण के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जो आयोग के नियमों का उल्लंघन है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस संबंध में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 27 जून को मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। आयोग द्वारा 2008 में किए गए मूल्यांकन में पूर्ववर्ती एमसीआई (भारतीय चिकित्सा परिषद) द्वारा बताई गई कमियों को दूर न करने पर प्रवेश रोकने के लिए 2022 में कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी करने के संबंध में मंत्रालय द्वारा किए गए सवाल के जवाब में यह पत्र भेजा गया।

पत्र में कहा गया, ‘‘ लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) द्वारा मूल्यांकन से इनकार/इसे स्थगित करना…पांच साल की अवधि के भीतर मान्यता को बरकरार रखने के संबंध में मेडिकल कॉलेज स्थापना विनियम, 1999 में निहित वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है, इसलिए एनएमसी द्वारा 2022 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।’’

पत्र के अनुसार, ‘‘ विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन की बात सामने आने पर कॉलेज प्राधिकारी से इन्हें दूर करने के बाद अनुपालन रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया। कॉलेज द्वारा अंतिम अनुपालन रिपोर्ट मार्च 2009 में दी गई थी।’’

एनएमसी के अनुसार, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण लागू करने के लिए शैक्षणिक वर्ष 2011-12 से एलएचएमसी में एमबीबीएस की सीट को 150 से बढ़ाकर 200 किया गया। इसके बाद एलएचएमसी में सीओआर की सुविधाओं के मूल्यांकन के लिए एमसीआई ने कई बार समय निर्धारित किया, लेकिन कॉलेज ने आज तक इन मूल्यांकनों की अनुमति नहीं दी।

पत्र के अनुसार, ‘‘ एलएचएमसी को परिषद/आयोग द्वारा भेजे गए अधिकतर पत्रों के जवाब, बार-बार कहने पर भी नहीं दिए गए।’’

इसके बाद शैक्षणिक सत्र 2019-20 में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) कोटा लागू करने के लिए एलएचएमसी में एमबीबीएस की सीट 200 से बढ़ाकर 240 कर दी गई।

एनएमसी ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पिछले दशक में एमबीबीएस सीट की संख्या दोगुनी हो गई, लेकिन मेडिकल कॉलेज तथा उससे जुड़े अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं के मूल्यांकन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।’’

एनएमसी के अनुसार, एलएचएमसी निदेशक ने दो जुलाई 2022 को एक पत्र में बताया कि 200 छात्रों की क्षमता के लिए एमसीआई मानदंडों के अनुसार बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के वास्ते बड़े पैमाने पर एलएचएमसी के लिए एक व्यापक पुनर्विकास योजना 2012 में शुरू की गई थी, लेकिन 2013 में कुछ अज्ञात कारणों के चलते निर्माण कार्य फरवरी 2019 तक रोक दिया गया।

पत्र के अनुसार, ‘‘ शिक्षण और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए इसे पूरी तरह सक्षम बनाने में आठ से नौ महीने लगेंगे। यह पता चलने के बाद एलएचएमसी के निदेशक ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए प्रवेश जारी रखने की खातिर एलएचएमसी को अनुमति देने का अनुरोध किया और कहा कि निरीक्षण अगले शैक्षणिक वर्ष में किया जा सकता है।’’

एनएमसी ने कहा, ‘‘ लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक के पत्र से यह स्पष्ट है कि एलएचएमसी में 240 एमबीबीएस छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए बुनियादी सुविधाओं की अब भी कमी है। अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) हमेशा ऐसे मेडिकल कॉलेज के खिलाफ उचित कार्रवाई करता है, जो एनएमसी के मानदंडों तथा नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करते।’’

Exit mobile version