राजस्थान विधानसभा में जानिये क्यों हुआ फिर गतिरोध, भाजपा विधायकों ने किया ये काम
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को सत्र के दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर सदन से दो बार बहिर्गमन किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को सत्र के दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर सदन से दो बार बहिर्गमन किया।
भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण दिन में सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रश्नकाल के दौरान विधायक चंद्रकांता मेघवाल के खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों से जुड़े एक सवाल पर जब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पूरक प्रश्न पूछना चाहा तो विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने इसे 'अप्रासंगिक' बताते हुए अनुमति नहीं दी। इस पर राठौड़ ने आपत्ति जताई। भाजपा के कई और विधायक बोलने लगे तो सभापति ने कहा कि यह उनका विशेषाधिकार है।
यह भी पढ़ें |
Presidential Election: चुनाव प्रचार के लिए जयपुर पहुंची NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू
इसके बाद भाजपा विधायक आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे और थोड़ी देर बाद सदन से बहिर्गमन कर गए।
इसी तरह शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष राठौड़ व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी और जोधपुर में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य हालिया घटनाओं पर सरकार का जवाब मांगा। इसके बाद भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए। हालांकि सभापति ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया और भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया।
वहीं बाद में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने जोधपुर में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म को लेकर एक टिप्पणी की जिस पर भाजपा के विधायकों ने नाराजगी जताते हुए विरोध किया। सभापति जे पी चंदेलिया ने कहा कि जिस टिप्पणी पर भाजपा के सदस्यों को आपत्ति है उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। हालांकि हंगामा चलता रहा और सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की गई
यह भी पढ़ें |
परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ BJP की विरोध रैली, सीएम गहलोत पर निशाना, जानिये ये अपडेट
बाद में सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विधेयक को पारित कर दिया गया।