Sharad Purnima: जानें शरद पूर्णिमा कब मनाई जायेगी, क्या है इसका महत्व

इस साल शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। प्रत्येक साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 October 2024, 6:08 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: प्रत्येक साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस साल शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर रातभर अपनी किरणों से अमृत वर्षा करता है। कई राज्यों में इसे फसल उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन खीर बनाने की भी विशेष प्रथा है। खीर को रातभर चंद्रमा की चांदनी में रखा जाता है। इस खीर का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को गाय के दूध (Milk) में बनी चावल की खीर का भोग लगाया जाता है। माता लक्ष्मी को पीले या सफेद रंग की मिठाइयों के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। 

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 40 मिनट पर होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 17 अक्टूबर को शाम को 04 बजकर 55 मिनट पर होगा।

शरद पूर्णिमा की पूजन विधि
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिये। मंदिर को साफ कर माता लक्ष्मी और श्री हरि के पूजन की तैयारी करनी चाहिये। एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। फिर माता लक्ष्मी और विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। शरद पूर्णिमा में माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।