जानिए खुदरा मुद्रास्फीति में क्या रहा कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों का हाल
कृषि श्रमिकों और ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर क्रमश: 6.94 और 6.87 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से दवा, चिकित्सक फीस और बस किराया महंगा होने से मुद्रास्फीति बढ़ी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कृषि श्रमिकों और ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर क्रमश: 6.94 और 6.87 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से दवा, चिकित्सक फीस और बस किराया महंगा होने से मुद्रास्फीति बढ़ी है।
कृषि श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण श्रमिकों की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई-आरएल) फरवरी, 2022 में 5.59 प्रतिशत और 5.94 प्रतिशत थी।
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सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल आधारित मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में क्रमश: 6.85 प्रतिशत और 6.88 प्रतिशत थी।
अखिल भारतीय सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल एक-एक अंक बढ़कर क्रमश: 1,171 और 1,182 रहा।
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डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के मामले में मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण मुख्य रूप से विविध समूह के अंतर्गत आने वाले सामान के दाम में वृद्धि है। दोनों में इनका योगदान क्रमश: 0.93 प्रतिशत और 0.98 प्रतिशत रहा। इसमें दवा, डॉक्टर की फीस, नाई की दर, बस किराया, सिनेमा टिकट आदि में वृद्धि शामिल है।