Akbar the Great: जानिए, जलाल उदीन मुहमद अकबर के बारे में कुछ अनसुने तथ्य उनकी जयंती पर

डीएन ब्यूरो

अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंशके थे, अकबर को अकबर-ए-आज़म शहंशाह अकबर भी कहा जाता है। अकबर ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था, सभी जाति-वर्गों के लोगों को एक समान माना और उनसे अपने मित्रता के सम्बन्ध स्थापित किए थे। आइये जानते हैं जलाल उदीन मुहमद अकबर के बारे में कुछ अनसुने तथ्य उनकी जयंती पर

बदरुद्दीन मोहम्मद

अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उनका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था।

अमरकोट में जन्म

जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. में अमरकोट में हुआ

हल्दीघाटी का युद्ध

हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था। अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। मुग़लों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।उन्होंने आखिरी समय तक अकबर से सन्धि की बात स्वीकार नहीं की और मान-सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करते हुए लड़ाई लड़ते रहे। अकबर के सेनापति का नाम मानसिंह था।

दरबार के नवरत्न

अकबर के दरबार में नवरत्नों के नाम इस प्रकार थे- अबुल फजल, फैजी, तानसेन, राजा बीरबल, राजा टोडरमल, राजा मानसिंह, अब्दुल रहीम खान-ऐ-खाना, फकीर अजिओं-दिन, मुल्लाह दो प्याज़ा।

अकबरनामा एवं आइने अकबरी की रचना

अबुल फजल ने अकबरनामा एवं आइने अकबरी जैसे प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की।

बुलंद दरवाजा

अकबर ने बुलंद दरवाजे का निर्माण गुजरात विजय के उपलक्ष्य में करवाया था।

अकबर का मकबरा

अकबर को सिंकदरबाद के पास दफनाया गया था।








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