

ऐसा भी माना जाता है कि जो स्त्री करवा चौथ का व्रत करती है, उसके पति की उम्र लंबी होती है। कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रख सकती है, उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश भर में आज करवा चौथ का पवित्र त्योहार मनाया जा रहा है। सुहागिनों के लिए करवा चौथ बेहद अहम और पवित्र माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। यह काफी कठिन व्रत माना जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये करवा चौथ चौथ से जुड़ी खास बातें, इस त्योहार का महत्व और इतिहास।
करवा चौथ का व्रत आज
इस साल यह पवित्र त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो चुका है, जो 1 नवंबर रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदया उदया तिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत बुधवार एक नवंबर को रखा जा रहा है।
किसी भी सुहागिन महिला के लिए करवा चौथ काफी खास होता है। कहा जाता है कि यह व्रत आधुनिक महिलाओं का सबसे पसंदीदा त्योहार भी है।
पति की लंबी उम्र और मनचाहे वर की प्राप्ति
ऐसा भी माना जाता है कि जो स्त्री इस व्रत को करती है, उसके पति की उम्र लंबी होती है। गृहस्थ जीवन अच्छा रहता है। पति की सेहत बनी रहती है। वहीं कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को कर सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें मनचाहे वर की भी प्राप्ति होती है।
करवा चौथ की मान्यता
इस त्योहार को सबसे पहले देवी पार्वती द्वारा तब मनाया गया, जब उन्होंने भगवान शिव को वर के रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था। वहीं एक और पुरातन मान्यता के अनुसार द्रौपदी ने भी पांडवों को संकट से मुक्ति दिलाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। वहीँ ऐसा भी कहा जाता है कि यह व्रत विवाह के 16 या 17 सालों तक करना अनिवार्य होता है।
करवा चौथ की शुरूआत
मान्यताओं के मुताबिक करवा चौथ की शुरूआत करवा देवी से भी हुई। करवा देवी के पति पर मगरमच्छ ने हमला किया था। इसी तरह करवा चौथ सावित्री से भी जुड़ा हुआ बताया जाता है, जिन्होंने मृत्यु के देवता भगवान यम से अपने पति को वापस मांगा।
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