जौनपुर में सरकारी डाक्टरों की खुली पोल.. कमीशनखोरी के चलते जन औषधि केन्द्रों की दवाओं को नकली बताने में जुटे

डीएन संवाददाता

जौनपुर जिले के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाओं को नकली बता रहे हैं जिससे मरीज भौचक्के हैं। अब उन्हें समझ नही आ रहा कि आखिर क्यों सरकारी डाक्टर बाहर से दवा लेने को कह रहे हैं। क्या इशके पीछे कमीशनखोरी का बड़ा रैकेट है? डाइनामाइट न्यूज एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



जौनपुर: केंद्र सरकार एक तरफ गरीब मजदूरों को सस्ते में दवा देने के लिए जगह-जगह जन औषधि केंद्र खोल रही है तो वही दूसरी तरफ जौनपुर के जिला अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों से यह कह रहे है कि जनऔषधि की दवा फायदा नही करती है। वहीं, सरकार का यह दावा है कि हम गरीबों के सस्ती से सस्ती दवा उपलब्ध करा रहे है, लेकिन जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर अपने मोटे कमीशन के चक्कर मे मरीजो को बाहर से दवा लिख रहे है। अगर कोई मरीज जनऔषधि से दवा लेता है तो डॉक्टर उसको यह कह कर लौटा देते है कि ये दवा सही नही है और फायदा नही करेगी।

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सरकारी अस्पताल के डॉक्टर

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विजय विश्वकर्मा ने बताया कि वह चर्म रोग की दवा लेने आया था तो डॉक्टर ने उसे कुछ दवा हॉस्पिटल की लिखी और कुछ दवा बाहर की लिखी। जबकि वह दवा हॉस्पिटल में 18 रु की मिलती और वही दवा बाहर 92 रु की मिलती है। जब हमने यह बात डॉक्टर को बताई तो डॉक्टर  कहने लगे कि सरकारी दवा  डुप्लीकेट होती है। अगर फायदा नहीं करेगा तो मुझसे आ कर मत बोलना की दवा फायदा नहीं की। अब इससे अंदाजा लगया जा सकता है कि मोदी सरकार के योजनाओं को किस तरह सरकारी डॉक्टर पतीला लगा रहे है।
 










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