IOC : अपनी सभी रिफाइनरी में लगाएगी हरित हाइड्रोजन संयंत्र

डीएन ब्यूरो

देश की अग्रणी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी वर्ष 2046 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में दो लाख करोड़ रुपये की हरित बदलाव योजना लागू करेगी और इस क्रम में अपने सभी रिफाइनरी में हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करेगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य
आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य


नयी दिल्ली: देश की अग्रणी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी वर्ष 2046 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में दो लाख करोड़ रुपये की हरित बदलाव योजना लागू करेगी और इस क्रम में अपने सभी रिफाइनरी में हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी ईंधन कारोबार में उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए पेट्रोरसायन पर अधिक ध्यान देने के साथ व्यवसाय को नए सिरे से तैयार कर रही है। इसके साथ ही कंपनी के पेट्रोल पंपों को ऊर्जा आउटलेट में बदलने की भी तैयारी है जहां पारंपरिक ईंधन के अलावा ईवी चार्जिंग पॉइंट और बैटरी अदला-बदली का विकल्प भी मिलेगा।

वैद्य ने इसे खुद को भविष्य के लिए तैयार करने की रणनीति बताते हुए कहा कि आईओसी अपनी शोधन क्षमता को 8.12 करोड़ टन से बढ़ाकर 10.67 करोड़ टन प्रति वर्ष करने का इरादा रखती है। कंपनी को उम्मीद है कि भारत की तेल मांग वर्ष 2030 तक बढ़कर 70-72 लाख बैरल प्रतिदिन हो जाएगी।

उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘तेल अगले कुछ साल तक मुख्य ईंधन बना रहेगा, लेकिन हम ऊर्जा बदलाव के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं जिसमें हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन, ईवी और वैकल्पिक ईंधन का संयोजन शामिल होगा।’’

हरित हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके पैदा किया जाता है। आईओसी ने हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए पानी को विभाजित करने को सौर जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न बिजली का उपयोग करने की योजना बनाई है।

वैद्य ने कहा कि कंपनी वर्ष 2025 तक 2,000 करोड़ रुपये की लागत से अपनी पानीपत तेल रिफाइनरी में 7,000 टन प्रति वर्ष की हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधा स्थापित करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पानीपत से इसकी शुरुआत कर रहे हैं लेकिन आखिर में हमारी सभी रिफाइनरियों में हरित हाइड्रोजन इकाइयां होंगी।’’

यह कंपनी के वर्ष 2046 तक संचालन से शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘नेट-जीरो हासिल करने के लिए हमारी योजना दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की है।’’










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