DN Exclusive: मंगलवार को मौनी अमावस्या, आचार्य गोविंद शास्त्री से जाने इस पर्व का महत्व

मंगलवार (16 जनवरी) को देश भर में को मौनी अमावस्या का त्यौहार है। यह पर्व हर इंसान की जिंदगी पर असर डालने वाला है। डाइनामाइट न्यूज पर आचार्य गोविंद शास्त्री बता रहा हैं इस पर्व का खास महत्व।

Updated : 15 January 2018, 7:08 PM IST
google-preferred

फतेहपुरः माघ महीने में आने वाली पहली अमावस को मौनी अमावस्या नाम से जाना जाता है। इस अमावस्या की खास बात है कि इस दिन मौन रहकर पूजा-पाठ और व्रत किया जाता है। इस साल का मौनी अमावस्या दिनांक 16 जनवरी 2018 को है।

मौनी अमावस्या के विशेष पर्व पर डाइनामाइट न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए फतेहपुर आये दिल्ली के आचार्य गोविंद शास्त्री जी ने बताया कि मौनी अमावस्या का अपना विशेष महत्व है। इस अवसर पर आचार्य गोविंद ने कहा कि ‘मौनी अमावस्या तब मनाया जाता है, जब सूर्य मकर मे प्रवेश कर चुका होता हैं। इस दिन संगम में स्नान का बड़ा महत्व है। मतलब संगम का अर्थ ज्ञान, कर्म और उपासना से होता है, जिसने इसे साध्य लिया उसी का मौनी अमावस्या सफल होता है’।

गंगा स्नान का समय

कल मंगलवार दिनांक 16 जनवरी को प्रातः 5 बजकर 12 मिनट से पुण्य काल है, इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति जन्मों के पाप क्षीण हो जाते हैं। माघ महीने की अमवस्या का हिंदू धर्म ग्रन्थों में विशेष महत्व है। प्रयागराज (इलाहाबाद), भृगुधाम भिटौरा फतेहपुर समेत देश के कई गंगा घाटों व संगमों पर श्रद्धालुओं का पूरे माघ महीने में तांता लगा रहता है।  

ऐसे करें व्रत पूरा 

संतों का कहना है कि ‘मन को शांत रखने के लिए माघ महीने की इस अमावस्या के दिन मौन रहा जाता है। जैसे साधू-संत मौन रहकर तप किया करते थे, भगवान को याद किया करते थे, ठीक उसी प्रकार कलयुग में ईश्वर को याद करने के लिए इस अमावस्या पर मौन रहा जाता है’। अगर कोई व्यक्ति शांत ना रह पाए तो इस दिन किसी को बुरा-भला ना बोले, इस परिस्थिती में भी यह व्रत पूरा माना जाता है। इस दिन स्नान और दान का भी काफी महत्व होता है।

No related posts found.