अवैध खनन मामला: ईडी ने धनशोधन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को तलब किया

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित अवैध खनन से जुड़ी धनशोधन की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद और साहिबगंज के उपायुक्त राम निवास यादव को तलब किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद ईडी ने  तलब किया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद ईडी ने तलब किया


नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित अवैध खनन से जुड़ी धनशोधन की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद और साहिबगंज के उपायुक्त राम निवास यादव को तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को 16 जनवरी को संघीय एजेंसी के रांची कार्यालय में, यादव को 11 जनवरी को और एक अन्य व्यक्ति बिनोद सिंह को 15 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सूत्रों ने कहा कि उनके बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जाएंगे।

ईडी ने तीन जनवरी को इन लोगों और साहिबगंज के पुलिस उपाधीक्षक राजेंद्र दुबे और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।

एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन के मामले से संबंधित थी, जिसमें ‘‘अपराध से अर्जित 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय शामिल थी।’’

इसने बताया, ‘‘साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियां की जा रही थीं और इन गतिविधियों की सीमा का पता लगाने के लिए, झारखंड सरकार के प्रशासनिक, वन, खनन और प्रदूषण नियंत्रण विभागों के साथ ईडी के अधिकारियों ने 20 संयुक्त निरीक्षण किये थे।’’

ईडी ने कहा कि धनशोधन का मामला बिष्णु यादव, पवित्रा यादव और सोरेन के राजनीतिक सलाहकारों में से एक पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।

इसने कहा कि बाद में झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथ में ले लिया था।

जांच में पता चला कि अवैध खनन के इस मामले का ‘सरगना’ पंकज मिश्रा था। ईडी ने जुलाई 2022 में पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।

संघीय एजेंसी ने छापेमारी के बाद एक बयान में कहा कि ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त करने के अलावा, उसने उपायुक्त(डीसी) राम निवास यादव के कार्यालय से 7.25 लाख रुपये सहित 36.99 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की थी।










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