अवसाद और चिंता से होता है मुकाबला तो पढ़ें ये शोध रिपोर्ट, जानिये नये चिकित्सीय निदान
वैज्ञानिकों ने पाया है कि मस्तिष्क में निरोधात्मक प्रभाव पैदा करने वाला सामान्य अमीनो एसिड ग्लाइसिन अवसाद, चिंता और अन्य मूड विकारों के लिए एक नया चिकित्सीय लक्ष्य प्रदान कर सकता है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: वैज्ञानिकों ने पाया है कि मस्तिष्क में निरोधात्मक प्रभाव पैदा करने वाला सामान्य अमीनो एसिड ग्लाइसिन अवसाद, चिंता और अन्य मूड विकारों के लिए एक नया चिकित्सीय लक्ष्य प्रदान कर सकता है।
अमेरिका के ‘वार्टहाइम यूएफ स्क्रिप्स इंस्टिट्यूट फॉर बायोमेडिकल इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी’ के वैज्ञानिकों ने कहा कि यह खोज ऐसे मूड विकारों के लिए तेजी से काम करने वाली दवाओं को विकसित करने के प्रयासों को तेज कर सकती है, जिनका इलाज करना मुश्किल होता है।
उन्होंने ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में रेखांकित किया कि दृष्टि, दर्द, स्मृति, व्यवहार और बहुत कुछ समझने की कुंजी इस प्रश्न का उत्तर देने में निहित है कि मस्तिष्क कोशिकाओं में सेंसर किस तरह संकेत प्राप्त करते हैं और कोशिकाओं में इसे किस तरह प्रसारित करते हैं।
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अध्ययन से जुड़े लेखक किरिल मार्टेम्यानोव ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि बुनियादी विज्ञान कैसे आगे बढ़ता है। पंद्रह साल पहले, हमने प्रोटीन को आपस में जोड़ने वाले एक भागीदार की खोज की जिसमें हम रुचि रखते थे, और इसने हमें इस नए रिसेप्टर तक पहुँचाया।'
टीम ने आगे पाया कि संकेतक अणु कोशिकाओं में उत्प्रेरक नहीं, बल्कि एक अवरोधक था।
ग्लाइसिन को मूड में सुधार में मददगार होने को लेकर पूरक पोषाहार के रूप में बेचा जाता है । यह प्रोटीन्स को जोड़ने वाला मूल आधार है और कई प्रकार की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। कुछ कोशिकाओं में, यह धीमे-धीमे संकेत भेजता है, जबकि अन्य प्रकार की कोशिकाओं में यह उत्तेजक संकेत भेजता है।
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