आईएएस अनुराग तिवारी केस में नया खुलासा, यूपी पुलिस पर लगे आरोप

डीएन संवाददाता

आईएएस अनुराग तिवारी की मौत मामले की जांच में अब नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि अनुराग के शव पड़े होने की सूचना मिलने के आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।

अनुराग तिवारी, आईएएस (फाइल फोटो)
अनुराग तिवारी, आईएएस (फाइल फोटो)


लखनऊ: कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में दम घुटने से मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मीराबाई मार्ग पर स्टेट गेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति का शव पड़े होने की सूचना के काफी देर बाद यूपी-100 की टीम मौके पर पहुंची थी। छानबीन में ये तथ्य सही पाए जाने पर पीआरवी पर तैनात एक एचसीपी और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है। परिवारीजन शुरुआत से पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे।

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दीपक कुमार, एसएसपी

बता दें कि आईएएस अनुराग तिवारी का शव संदिग्ध हालात में 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर स्टेट गेस्ट हाउस से 50 मीटर की दूरी पर पड़ा मिला था। छानबीन में पता चला कि शव देख कर कुछ लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गए थे और शव की जानकारी यूपी 100 सेवा पर दी गई थी। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि 17 मई की सुबह 5.33 बजे एक युवक ने पुलिस कंट्रोल रूम को सड़क पर किसी व्यक्ति के शव पड़े होने की सूचना दी थी। कंट्रोल रूम से महज एक मिनट के भीतर ही यह सूचना हजरतगंज पुलिस के साथ ही मीराबाई मार्ग स्थित घटनास्थल के सबसे नजदीक तैनात पीआरवी 467 को दी गई। नरही चौकी का सिपाही हरवीर सुबह करीब 5.50 बजे मौके पर पहुंच गया, लेकिन यूपी 100 सेवा की पीआरवी 467 करीब एक घंटे बाद सुबह 6.36 मिनट पर घटनास्थल पहुंची थी।

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इस दौरान इसमें पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद रेडियो मुख्यालय की इंस्पेक्टर शिवा शुक्ला को जांच सौंपी गई। जांच में पीआरवी 467 में तैनात हेड कांस्टेबल हरिशंकर, कांस्टेबल अश्विन कुमार शुक्ला और लालमन को दोषी पाया गया। इसके बाद एसएसपी ने तीनों को सस्पेंड कर दिया।










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