Himachal Pradesh : बेरोजगारी के मुद्दे पर विधानसभा से विपक्षी भाजपा सदस्यों ने किया बहिर्गमन

डीएन ब्यूरो

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और राज्य की कांग्रेस सरकार पर एक लाख नौकरियों देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भाजपा सदस्यों ने किया बहिर्गमन
भाजपा सदस्यों ने किया बहिर्गमन


धर्मशाला:  हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और राज्य की कांग्रेस सरकार पर एक लाख नौकरियों देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कार्य स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर नियम 67 के तहत बेरोजगारी पर चर्चा कराने की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ठाकुर ने कहा कि सरकार ने रोजगार के सभी दरवाजें बंद कर दिए हैं और बेरोजगार नौकरी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही एक लाख नौकरी देने का वादा किया था लेकिन यह वादा अबतक पूरा नहीं हुआ है।

अपने हमले को तेज करते हुए ठाकुर ने कहा कि इसके उलट कांग्रेस ने 10,000 आउटसोर्स किए गए कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने कोविड-19 के दौरान अपनी सेवाएं दीं और उन्हें आठ से नौ महीने का वेतन नहीं दिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई कि भाजपा बेरोजगारी के नाम पर ‘नाटक’ कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या जनता से जुड़े सवालों को उठाना नाटक है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह शनिवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार हैं और यहां तक कि नियम 130 (नीति, बयान या अन्य किसी मामले पर चर्चा के प्रस्ताव) के तहत चर्चा की अनुमति दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ठाकुर द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब देने की कोशिश की लेकिन विपक्षी सदस्यों ने कहा कि वह केवल चर्चा होने पर ही जवाब दें।

इसके बावजूद भी जब मुख्यमंत्री ने अपना जवाब देना जारी रखा तब भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी की और सदन से बहिर्गमन किया।

विपक्षी सदस्यों के सदन के बहिर्गमन के बाद सुक्खू ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन में या तो प्रश्नपत्र लीक हुए या अदालतों में नियुक्तियां लंबित रहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया था और प्रश्नपत्र लाखों रुपये में बेचे जाते थे।










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