Himachal Pradesh: आईआईटी-मंडी के निदेशक लक्षमीधर बेहरा के मसाहारी ब्यान को लेकर कांग्रेस का पलटवार

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईआईटी-मंडी के निदेशक लक्षमीधर बेहरा कथित तौर पर यह कहने के बाद इस पद पर रहने के लायक नहीं हैं कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि लोग मांस खाते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस के नेता जयराम रमेश
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश


नयी दिल्ली: कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि आईआईटी-मंडी के निदेशक लक्षमीधर बेहरा कथित तौर पर यह कहने के बाद इस पद पर रहने के लायक नहीं हैं कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि लोग मांस खाते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बेहरा के बयान से संबंधित खबर साझा करते हुए रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वह जितने अधिक समय तक पद पर रहेंगे, “वैज्ञानिक स्वभाव की भावना को उतना अधिक नुकसान होगा।”

उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारे पूर्वजों को प्लास्टिक सर्जरी के बारे में जानकारी थी। उन्होंने बच्चों से यह भी कहा था कि जलवायु नहीं बदलती, हम बदलते हैं। एक वरिष्ठ मंत्री न्यूटन और आइंस्टीन को लेकर दुविधा में पड़ गए थे जबकि दूसरे मंत्री ने पाठ्यपुस्तकों से डार्विन को बाहर करने को उचित ठहराया था।”

रमेश ने लिखा, “अब, एक प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक का यह चौंकाने वाला बयान! उन्होंने वास्तव में दिखा दिया है कि वह इस पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। वह जितने समय तक इस पद पर रहेंगे, वैज्ञानिक स्वभाव की भावना को उतना ही अधिक नुकसान पहुंचाएंगे।”

बेहरा को लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब उन्होंने छात्रों से मांस न खाने की शपथ लेने को कहा था और दावा किया था कि पशुओं पर क्रूरता के कारण हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं।

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों से कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, “यहां बार-बार भूस्खलन, बादल फटने और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सब जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है...लोग मांस खाते हैं।”










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