

आज फ्लाइट लेफ्टिनेंट शहीद सिद्धार्थ यादव को अंतिम विदाई दी गई। सिद्धार्थ इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन बचा गए कई लोगों की जान। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिए फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के बारे में…
रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के भालखी माजरा गांव के वीर सपूत, फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 28 वर्षीय शहीद पायलट की चिता को उनके पिता सुशील यादव ने मुखाग्नि दी। भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने उल्टे हथियारों से फायर कर अपने साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शादी की तैयारियों के बीच घटी दुखद घटना
सिद्धार्थ की 10 दिन पहले ही 23 मार्च को सगाई हुई थी और 31 मार्च को उन्होंने अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी। 2 नवंबर को उनकी शादी तय थी, जिसके लिए घर में तैयारियां चल रही थीं। लेकिन इस खुशी के बीच 3 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर फाइटर जेट क्रैश में उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली।
अंतिम संस्कार में उनकी मंगेतर सानिया भी मौजूद थीं। अपने होने वाले जीवनसाथी की पार्थिव देह को देखकर वह बार-बार रोते हुए कह रही थीं, "बेबी, तू आया नहीं मुझे लेने। तूने कहा था तू आएगा। प्लीज, एक बार उनकी शक्ल दिखा दो।" सानिया ने कहा कि उन्हें सिद्धार्थ पर गर्व है, लेकिन उनका यह दर्द शब्दों में बयां नहीं हो सकता।
फाइटर पायलट शहीद सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा पहुँचा रेवाड़ी तो देखिये कैसे लगे नारे, जामनगर में हादसे से पहले साथी को बचाया, विमान हादसे में शहीद होने से पहले पायलट सिद्धार्थ अदम्य साहस का परिचय दिया और विमान को घनी आबादी से दूर ले गया।#JaguarFighterJet… pic.twitter.com/E8iubSKyCl
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) April 4, 2025
परिवार की चौथी पीढ़ी ने निभाई देशसेवा की परंपरा
सिद्धार्थ यादव का परिवार पीढ़ियों से भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की सेवा करता आ रहा है। उनके परदादा ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल इंजीनियर्स में थे, दादा अर्धसैनिक बलों में सेवा दे चुके थे और पिता भी भारतीय वायुसेना में रह चुके हैं। सिद्धार्थ इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश की रक्षा में जुटे थे।
एनडीए से फाइटर पायलट बनने तक का सफर
सिद्धार्थ ने 2016 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा पास की थी। इसके बाद तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद वे फाइटर पायलट बने। दो साल की सर्विस के बाद उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत किया गया था
शहादत से पहले कई जानें बचाईं
भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट बुधवार रात 9:30 बजे गुजरात के जामनगर के पास सुवर्दा गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के दौरान सिद्धार्थ और उनके साथी पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी वाले इलाके से दूर खुले मैदान में गिराया, जिससे कई लोगों की जान बच गई। उनके साथी पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन सिद्धार्थ इस हादसे में शहीद हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान जमीन से टकराते ही उसमें आग लग गई और उसके टुकड़े पूरे मैदान में बिखर गए। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को इसकी सूचना दी।