

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद ने शनिवार को तरल गुड़, पेंसिल शार्पनर और चुनिंदा ट्रैकिंग उपकरणों पर जीएसटी दर में कटौती के साथ ही सालाना रिटर्न भरने में देरी पर लगने वाले विलंब शुल्क को युक्तिसंगत करने का भी फैसला किया है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद ने शनिवार को तरल गुड़, पेंसिल शार्पनर और चुनिंदा ट्रैकिंग उपकरणों पर जीएसटी दर में कटौती के साथ ही सालाना रिटर्न भरने में देरी पर लगने वाले विलंब शुल्क को युक्तिसंगत करने का भी फैसला किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां आयोजित जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक खत्म होने के बाद संवाददाताओं को इन अहम फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जून के 16,982 करोड़ रुपये समेत जीएसटी क्षतिपूर्ति के सारे बकाया का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह राशि अपने संसाधनों से जारी करने का निर्णय लिया है और इसे भविष्य के मुआवजा उपकर संग्रह से वसूल किया जाएगा।
इस बैठक में सीतारमण के अलावा राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की।
उन्होंने कहा कि बैठक में पान मसाला और गुटखा उद्योग में हो रही कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट में दी गई अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि परिषद ने तरल गुड़ पर पैकिंग से पहले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की अनुशंसा की। वहीं पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।
परिषद ने यह फैसला भी लिया है कि अगर टैग-ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर जैसा उपकरण एक कंटेनर पर पहले से ही चिपका हुआ है, तो उस डिवाइस पर अलग से कोई आईजीएसटी नहीं लगाया जाएगा और कंटेनरों के लिए उपलब्ध 'शून्य' आईजीएसटी सुविधा उनके लिए भी लागू होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2022-23 के बाद 20 करोड़ रुपये के व्यापार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए नियत तिथि के बाद वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने पर फॉर्म जीएसटीआर-9 विलंब शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है।
एक वित्त वर्ष में पांच करोड़ रुपये के व्यापार वाले व्यक्ति पर एक दिन का विलंब शुल्क 50 रुपये है, जो व्यापार के अधिकतम 0.04 प्रतिशत के अधीन है। पांच करोड़ से 20 करोड़ रुपये तक के व्यापार वाले व्यक्ति पर विलंब शुल्क 100 रुपये प्रतिदिन हो जाएगा। यह भी कुल व्यापार के 0.04 के अधीन है।
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