फर्जी अंकपत्र मामला: निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पूर्व भाजपा विधायक की याचिका खारिज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फर्जी अंकपत्र मामले में अयोध्या की एक अदालत के आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की अपील खारिज कर दी है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 17 March 2023, 9:42 AM IST

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फर्जी अंकपत्र मामले में अयोध्या की एक अदालत के आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की अपील खारिज कर दी है।

पीठ ने कहा कि अयोध्या सत्र न्यायालय द्वारा दी गई सजा पूरी करने के लिए तिवारी को तत्काल हिरासत में लिया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने तिवारी और दो अन्य लोगों द्वारा दायर आपराधिक अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।

उसने अपने फैसले में इस बात का संज्ञान लिया कि तिवारी का 35 मामलों का आपराधिक इतिहास रहा है।

इंद्र प्रताप तिवारी के अलावा कृपा निधि तिवारी और फूलचंद यादव ने भी निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

पीठ ने अपने फैसले में कहा, “अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सुबूतों से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत अपराध पूरी तरह से बनते और साबित होते हैं। निचली अदालत ने उचित रूप से उपरोक्त अपराधों के लिए याचिकाकर्ताओं को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।”

याचिकाकर्ताओं पर नकली अंकपत्र के आधार पर अयोध्या के साकेत महाविद्यालय में प्रवेश लेने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था।

तीनों याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग याचिकाओं में अयोध्या की विशेष एमपी/एमएलए अदालत के 18 अक्टूबर 2021 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें तिवारी और अन्य को पांच साल की सजा सुनाई गई थी और उन पर जुर्माना भी लगाया गया था।

तिवारी उस वक्त अयोध्या की गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक थे। सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।

Published : 
  • 17 March 2023, 9:42 AM IST

No related posts found.