बेंगलुरु से पांच संदिग्ध आतंकवादी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद
आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कट्टरपंथी बनाए गए पांच संदिग्धों को हथियार और गोलाबारूद के साथ बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बेंगलुरु: आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कट्टरपंथी बनाए गए पांच संदिग्धों को हथियार और गोलाबारूद के साथ बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने उनके कब्जे से सात पिस्तौल, 45 कारतूस, बड़ी संख्या में वॉकी-टॉकी, 12 मोबाइल फोन सहित अन्य सामान जब्त किए हैं।
गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया। संदिग्धों की पहचान सैयद सोहेल खान, मोहम्मद उमर, जाहिद तबरेज, सैयद मुदासिर पाशा और मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पांचों संदिग्धों को एक बड़ी साजिश रचते समय शहर के सुल्तानपाल्या इलाके के कनकनगर में एक पूजा स्थल के पास गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि पांचों संदिग्धों को लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी और सरगना टी. नजीर ने यहां के केंद्रीय कारागार में कट्टरपंथी बनाया था। इस मामले में नजीर आरोपी संख्या एक है जबकि उसके साथी जुनैद को दूसरा आरोपी बनाया गया है।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने बुधवार को बताया, ‘‘केंद्रीय अपराध शाखा ने असामाजिक ताकतों का भंडाफोड़ करने में सफलता हासिल की है और उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया है। हेब्बल थाना क्षेत्र में एक स्थान पर छापेमारी कर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।’’
अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों को टी. नजीर ने जुनैद के साथ मिलकर कट्टरपंथी बनाया जो 2008 में बेंगलुरु में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आरोपी है और मौजूदा समय में पराप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार में कैद है जबकि जुनैद विदेश भाग गया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों पर हत्या, डकैती, लाल चंदन की तस्करी और कई अन्य आरोप हैं। ये लोग नजीर के संपर्क में थे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि नजीर का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध है तथा उसके गिरोह के सदस्य ‘बड़ी आंतकी साजिश’ को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुनैद पर 2017 में अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्धी नूर अहमद की हत्या का आरोप है। दयानंद ने बताया कि अहमद की हत्या के मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पांचों संदिग्ध इसी हत्या मामले में गिरफ्तार किये गये 21 लोगों में से हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पांचों संदिग्ध आतंकवादी एक हत्या मामले में 18 महीने जेल में थे और जमानत पर बाहर आए हैं।
दयानंद ने कहा, ‘‘हमने उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है...’’। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आगे की जांच से पता चलेगा कि आतंकी गतिविधि में और कितने लोग शामिल हैं और वे किस संगठन से जुड़े हैं।
उन्होंने बताया,‘‘गिरफ्तार संदिग्धों को विदेश में छिपे उसके एक आतंकी सरगना ने हथियार और अन्य सामान उपलब्ध करवाया और उसे शहर में बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने के निर्देश दिये थे।’’
उन्होंने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हथियार इकट्ठा करने का मामला भी दर्ज किया गया।
इन संदिग्धों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस सफलता के लिए पुलिस को बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट किया, ''विनाशकारी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार करके एक बड़े हमले को रोकने में सफल सीसीबी को बधाई। हम आतंकवादी गतिविधियों सहित किसी भी प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का पता लगाने और ऐसी ताकतों को राज्य से उखाड़ फेंकने के लिए हमेशा तैयार हैं। हमारी सरकार प्रदेश में हर किसी को सुरक्षित जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
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राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कर्नाटक विधानसभा में कहा कि ये संदिग्ध आतंकवादी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे… एवं एकता, सुरक्षा, संप्रभुता और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अपने अभियानों को अंजाम देने के लिए हथियार और अन्य उपकरण एकत्र किए थे।’’
मंत्री ने सदन को बताया कि पुलिस को सटीक जानकारी थी कि वे हेब्बल के एक घर में साजिश रच रहे थे और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने और अवैध रूप से हथियार जमा करने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘सीसीबी द्वारा समय से की गई कार्रवाई से एक बड़ा हमला टल गया।’’
बाद में विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा कि आतंकवादियों के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
इस बीच, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में कांग्रेस सरकार पर आतंकवादियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री आर. अशोक ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के आने के बाद से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ‘राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ के हौसले बढ़ गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए सीसीबी की सराहना की। उन्होंने इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की मांग की।