Jammu and Kashmir: महबूबा की हिरासत अवधि को बढ़ाना प्रतिशोध की भावना से प्रेरित-उमर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध जताते हुए इसे अविश्वसनीय, क्रूर और बदले की भावना से प्रेरित बताया है।

Updated : 6 May 2020, 5:47 PM IST
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध जताते हुए इसे अविश्वसनीय, क्रूर और बदले की भावना से प्रेरित बताया है।

 

अब्दुल्ला ने इस फैसले को लेकर केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र को जम्मू-कश्मीर में मित्र बनाने की जरुरत है लेकिन वह इसके विपरित काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वह केन्द्र के इस फैसले के तर्क को समझ नहीं पा रहे हैं और उन्हें यह केवल बदले की कार्रवाई से प्रेरित प्रतीत हो रहा है और कुछ नहीं।

अब्दुल्ला ने टि्वटर पर लिखा, “महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि को बढ़ाने का फैसला अविश्वसनीय, क्रूर और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। सुश्री मुफ्ती ने ऐसा कुछ नहीं किया है और ही कोई ऐसा बयान दिया है जिससे भारत की ओर से उन्हें और अन्य लोगों को हिरासत में लेने की कार्रवाई को उचित ठहराया जा सके।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा, “ऐसी सरकार जो जम्मू-कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने के बड़े-बड़े दावे कर रही है सुश्री मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ाया जाना इस बात का प्रमाण है कि मोदी जी ने अकेले ही जम्मू-कश्मीर को दशकों पीछे धकेल दिया है।उन्होंने एनसी के महासचिव मोहम्मद सागर की पीएसए के तहत हिरासत अवधि को बढ़ाए जाने का भी कड़ा विरोध किया है। (वार्ता)

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