4 अरब 31 करोड़ 80 लाख 56 हजार रुपये खर्च होने के बाद भी नहीं बदली ग्राम पंचायतों में स्वच्छता की तस्वीर, सिर्फ कागजों तक सिमटा आदेश
जिले के 882 ग्राम पंचायतों में ओडिएफ से लेकर ओडिएफ प्लस गांव बनाने के लिए सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत करोड़ों रूपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन इससे न एक भी गाँव सुन्दर हुए और न ही जिला पंचायत राज विभाग द्वारा कोशिश ही किया गया है। सिर्फ हुक्मरानों के आदेश कागजों में सिमट रह गए हैं । डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये पूरा मामला
महराजगंजः देश के पीएम व प्रदेश के सीएम की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान को जमीन पर उतारने के लिए जोरआजमाईश जारी है। जनपद के 882 ग्राम पंचायतों को ओडिएफ भी घोषित कर दिया गया है। इनमें से 58 ग्राम पंचायतों को ओडिएफ प्लस योजना के तहत माडल गांव बनाने की तैयारी है, लेकिन हकीकत में कुछ और ही नजर आ रहा है।
जबकि इस योजना के मद में करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाया जा रहा है। इसके बाद भी न तो किसी ग्राम पंचायत की तस्वीर बदली और न ही किसी में जागरूकता आई। ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। न तो गांव सुन्दर हुए और न ही कोशिश की जा रही है। जिला पंचायत राज विभाग का दावा हवा-हवाई साबित हो रही है।
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431 करोड़ खर्च के बाद भी नही सुधरी व्ववस्था
जिला पंचायत राज विभाग के नेतृत्व में 2014 से अब तक 359838 व्यक्तिगत शौचालय बने हैं। इसके निर्माण में प्रत्येक लाभार्थी को 12 हजार रूपये की दर से कुल 4318056000 रूपये प्रोत्साहन राशि खर्च किया गया। बावजूद अब भी सड़कों किनारे चहुंओर खुले में शौच से हो रही गंदगी का अंबार नजर आता है। गांव की गलियां भी गंदगी से भरी पड़ी है। ऐसे में एक बार फिर ओडिएफ प्लस योजना और ग्राम पंचायतों में स्वच्छता की मुल्यांकन किस आधार पर हो रही है, यह बात किसी के गले नही उतर रही है।
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कार्रवाई करने का आदेश भी हुआ बेअसर
योजना को मुकाम तक पहुंचाने के लिए डीएम, सीडीओ ने ग्राम पंचायतों को सख्त निर्देश दिया। सड़कों पर शौच करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पहले दौर में पकड़े जाने पर उसके नाम से ग्राम पंचायतों में डुुुग्गी-मुनादी होगी। दूसरी बार पकड़े जाने पर उसके खिलाफ जुर्माना तय होगा। इसके बाद भी स्थिति नहीं बदली, तो उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। लेकिन अभी तक 882 ग्राम पंचायतों में से कही भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। नतीजतन सड़कों पर स्वच्छ भारत मिशन का खुलेआम धज्जियां उड़ाया जा रहा है। इसे रोक पाने में जिला पंचायत राज विभाग पूरी तरह से असहाय नजर आ रहा है।