चीन में मोटे अनाज से तैयार भारतीय व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिए किये जा रहे प्रयास

डीएन ब्यूरो

प्रागैतिहासिक काल में भोजन का मुख्य स्रोत रहे मोटे अनाज ने चीन में भारतीय रेस्तराओं में शानदार वापसी की है और इस देश में भारत का राजनयिक मिशन ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023’ मना रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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बीजिंग: प्रागैतिहासिक काल में भोजन का मुख्य स्रोत रहे मोटे अनाज ने चीन में भारतीय रेस्तराओं में शानदार वापसी की है और इस देश में भारत का राजनयिक मिशन ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023’ मना रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, भारत सरकार द्वारा एक प्रस्ताव लाये जाने और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सदस्यों की तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में इसे मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।

प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया है।

यहां स्थित भारतीय दूतावास ने इस सिलसिले में कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें चीन में एफएओ के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 पर चर्चा के लिए एक गोलमेज चर्चा भी शामिल है।

दूतावास मोटा अनाज पकाने की विधि पर एक पुस्तक का भी विमोचन करेगा और ‘मोटा अनाज पकाने की चुनौती’ और ‘मोटा अनाज सेल्फी प्रतियोगिता’ का भी आयोजन करेगा।

बीजिंग, शंघाई और कई अन्य चीनी शहरों में भारतीय रेस्तरां मोटे अनाज से तैयार किये जाने वाले कई विशेष व्यंजनों के साथ आये हैं, ताकि उन्हें चीनी अतिथियों के बीच लोकप्रिय किया जा सके।

बीजिंग के सबसे पुराने भारतीय रेस्तरां ताज पवेलियन ने मोटे अनाज की एक नयी व्यंजन सूची तैयार की है, जिसमें ‘मिलेट ढोकला’ ‘गोटी पकौड़ी’, ‘टोमैटो रागी ऑमलेट’, ‘चिकन भूना सरगम’, ‘बार्ली मटन पुलाव’ शामिल हैं।

ताज पवेलियन के मालिक एम एच पस्ताकिया ने कहा, ‘‘मोटे अनाज के विशेष व्यंजनों के साथ हम चीनी ग्राहकों को यह प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मोटे अनाज मुख्य व्यंजन में स्वादिष्ट हो सकते हैं।’’

सोमवार को, शंघाई में भारतीय महावाणिज्य दूत डॉ. एन नंदकुमार ने चीनी मीडिया के साथ किये गये संवाददाता सम्मेलन में कार्यक्रम की योजनाओं को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि भारत विश्व में मोटे अनाज का एक बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है तथा यह (मोटा अनाज) भोजन एवं पोषण सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभा सकता है।










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