द्रमुक ने आकाशवाणी नाम के इस्तेमाल को लेकर केंद्र की आलोचना की, जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने राष्ट्रीय प्रसारक का नाम ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के स्थान पर आकाशवाणी करने को लेकर रविवार को केंद्र पर निशाना साधा और केंद्र सरकार से एआईआर नाम बहाल करने की मांग की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

द्रविड़ मुनेत्र कषगम सांसद टी आर बालू
द्रविड़ मुनेत्र कषगम सांसद टी आर बालू


चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने राष्ट्रीय प्रसारक का नाम ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के स्थान पर आकाशवाणी करने को लेकर रविवार को केंद्र पर निशाना साधा और केंद्र सरकार से एआईआर नाम बहाल करने की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को एक पत्र में सांसद टी आर बालू ने प्रसार भारती के संबंध में मीडिया की खबरों का उल्लेख किया, जिसमें ऑल इंडिया रेडियो शब्द का इस्तेमाल बंद कर इसके बजाय आकाशवाणी शब्द का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि ‘‘अचानक लिया गया यह फैसला अनुचित है।’’

केंद्र पर निशाना साधते हुए बालू ने कहा कि उनकी पार्टी ऑल इंडिया रेडियो के लोकप्रिय नाम को ‘‘हटाने’’ के फैसले के पूरी तरह से खिलाफ है। पत्र में उन्होंने कहा है, ‘‘मैं इन परिस्थितियों में आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मामले में हस्तक्षेप करें और प्रसार भारती को उचित सलाह दें ताकि पहले की परिपाटी को तुरंत बहाल किया जा सके।’’

हालांकि, प्रसार भारती ने दावा किया है कि यह एक पुराना निर्णय था और आकाशवाणी स्टेशन को इसे लागू करने की सलाह दी गई है। द्रमुक संसदीय दल के नेता बालू ने कहा कि ‘‘यह कदम बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु और अन्य जगहों पर लोग प्रसार भारती के कदम का विरोध कर रहे हैं।’’

तमिलनाडु के कई राजनीतिक दलों ने ‘‘ऑल इंडिया रेडियो में तमिल के उचित हक से इनकार करने और इसके स्थान पर हिंदी थोपने’’ के कदमों की निंदा की है। बालू ने कहा कि तमिलनाडु में रेडियो स्टेशन आकाशवाणी के लिए तमिल में ‘वाणोली’ नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।










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