Bombay High Court: टाडा के तहत दोषी कैदी को पेरोल देने से इंकार

बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज (टाडा) के तहत दोषी पाये गये कैदी को यह कहते हुए पेरोल देने से इंकार कर दिया है कि आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाये गये दोषी पेरोल दिये जाने के पात्र नहीं हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 January 2023, 6:31 PM IST
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नागपुर: बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज (टाडा) के तहत दोषी पाये गये कैदी को यह कहते हुए पेरोल देने से इंकार कर दिया है कि आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाये गये दोषी पेरोल दिये जाने के पात्र नहीं हैं।

हसन मेंहदी शेख टाडा कानून की कई गंभीर धाराओं के सहित अन्य कई अपराधों में दोषी पाया गया था जो वह अमरावली सेंट्रल जेल में आजीवनकारावास की सजा काट रहा है ।

उसने अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए न्यायालय के समक्ष पेरोल दिये जाने की गुहार लगायी थी। जेल प्रशासन ने जेल नियमों के अनुसार उसके पेरोल पर रिहा करे जाने का पात्र न होने की जानकारी देतेे हुए उसकी अर्जी को पहले ही खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।(वार्ता)

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