

उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ करोड़ों रुपये की ठगी करने, आपराधिक साजिश रचने समेत कई संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज की गयी है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट से जानिये आखिर क्या है यह मामला..
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक सिंघल के खिलाफ करोड़ों रुपये की ठगी करने, आपराधिक साजिश रचने समेत कई संगीन मामलों में दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गयी है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दीपक सिंघल के खिलाफ यह एफआईआर दिल्ली की रोहिणी जिला अदालत के निर्देश के बाद दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक यूपी के पूर्व सचिव दीपक सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने 2017 में यूपी सरकार से कागज की सप्लाई का ठेका दिलाने में दिल्ली के एक कारोबारी के साथ ढाई करोड़ रूपये की ठगी और आर्थिक अनियमितताओं को अंजाम दिया। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक सिंघल के साथ ही उनके दामाद दीपक अग्रवाल को भी इस मुकदमे में नामजद किया गया है।
राजधानी दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले कारोबारी संजय अग्रवाल की शिकायत के बाद यूपी के पूर्व चीफ सैक्रेटरी के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज की गयी। कारोबारी संजय अग्रवाल ने पुलिस को दी गई अपनी तहरीर में आरोप लगाए कि दीपक सिंघल ने अपने दामाद के साथ मिलकर कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनके साथ जालसाजी और धोखाधड़ी की। कोर्ट ने अग्रवाल के मुकदमे और शिकायत पर सुनवाई के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये।
संजय का आरोप है कि 2017 में यूपी के मुख्य सचिव ने उन्हें टेंडर दिलाने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद उन्होंने उनके दामाद को 2.5 करोड़ रुपए टोकन मनी के रूप में दे दिये।
कारोबारी संजय अग्रवाल का आरोप है कि तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री दीपक सिंघल ने उनसे मुलाकात के दौरान कहा था कि यूपी के सरकारी विभागों में कागज की काफी डिमांड है। उनके दामाद की आरडी पेपर्स नाम से कंपनी हैं। यदि कागज-स्टेशनरी की सप्लाई का टेंडर वह अपने दामाद की कंपनी को देंगे तो उन पर सवाल उठेंगे। इसलिए दीपक सिंघल ने संजय अग्रवाल से कहा कि वह उनके दामाद की कंपनी से स्टेशनरी खरीदें और यूपी के सरकारी विभागों में स्पलाई का टेंडर उन्हें मिल जाएगा। इसके बदले पूर्व सचिव ने संजय से अपने दामाद को कमिशन देने की बात भी कही।
दिल्ली पुलिस की इकॉनोमिक ऑफेंस विंग द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर में दीपक सिंघल के खिलाफ अमानत में खयानत (406), धोखाधड़ी (420) और आपराधिक साजिश रचने (120बी) आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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