

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) गलियारे का दुहाई डिपो अब आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) गलियारे का दुहाई डिपो अब आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि भारत की पहली आरआरटीएस का 17 किलोमीटर लंबा दुहाई-साहिबाबाद मार्ग मार्च के अंतिम सप्ताह तक तैयार होगा और इसे पर्यावरण अनुकूल तथा यात्री केंद्रित परिवहन प्रणाली बनाने पर ध्यान लगाया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे पर संचालन के लिए अहम दुहाई डिपो तैयार है। आरआरटीएस की ट्रेनों की देखभाल के लिए आधुनिक सुविधाएं अब तैयार हैं।’’
उन्होंने बताया कि प्रशासनिक इमारत, कार्यशाला और निरीक्षण बे लाइन समेत बुनियादी ढांचा दो साल से भी कम वक्त में तैयार किया गया।
आरआरटीएस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में महानगर और बड़े शहरों, नगरों को जोड़ने वाली एक नयी, समर्पित, उच्च गति, उच्च क्षमता वाली क्षेत्रीय ट्रांजिट प्रणाली है जो कम स्टॉप और उच्च गति के साथ अपेक्षाकृत लंबी दूरी की यात्रा को सुगम बनाती है ।
आरआरटीएस के तीन प्राथमिकता वाले गलियारे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़-अलवर हैं, जिन्हें चरणों में लागू किया जाएगा।
ऐसा अनुमान है कि 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे पर हर दिन आठ लाख यात्री सफर करेंगे और इसके शुरू होने से सड़कों पर से एक लाख से अधिक निजी वाहन कम हो जाएंगे।
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