पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा बोले- देशों को आपदा जोखिम में कमी लाने के लिये करना पड़ता है चुनौतियों का सामना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत-जापान से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि देशों को आपदा जोखिम को कम करने में जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत-जापान से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि देशों को आपदा जोखिम को कम करने में जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मिश्रा ने कहा कि देशों को एक ऐसी वित्तीय संरचना विकसित करनी चाहिए जो आपदा जोखिम कम करने की आवश्यकता को पूरा कर सके क्योंकि बहुत लंबे वक्त तक उन्होंने लगभग पूरी तरह आपदा प्रतिक्रिया, बहाली और पुनर्निर्माण के वित्त पोषण पर ही ध्यान केंद्रित किया है।
New York: Dr PK Mishra, Principal Secretary to Prime Minister speaks at the India-Japan side event on the roles of states for promoting investments in 'Disaster Risk Reduction' towards a resilient and sustainable future. pic.twitter.com/IztMW8r5Ry
— Dynamite News (@DynamiteNews_) May 18, 2023
मिश्रा ने जटिल चुनौतियों से निपटने में देशों की भूमिका पर जोर देते हुए वित्तीय संरचना तथा पूर्व चेतावनी प्रणालियों की आवश्यकता का उल्लेख किया।
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एक लचीले और टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ने के लिए आपदा जोखिम कम करने के लिहाज से निवेश को बढ़ावा देने में देशों की भूमिका पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जी7 तथा जी20 दोनों द्वारा आपदा के जोखिम को कम करने को प्राथमिकता देना यह दिखाता है कि यह मुद्दा वैश्विक नीति विमर्श में उच्च स्तर तक ध्यान आकर्षित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आपदा जोखिम कम करने तथा आपदा से निपटने की तैयारी के वित्त पोषण पर काम करते हुए देशों को इन जटिल चुनौतियों से निपटना चाहिए कि आपदा जोखिम कम करने के लिए आवंटित संसाधनों का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने के वास्ते अवशोषण क्षमता का इस्तेमाल कैसे किया जाए।
मिश्रा ने पूछा, ‘‘हमें इसके लिए किस तरह का संस्थागत तंत्र, तकनीकी क्षमताएं और विशेषज्ञता विकसित करने की आवश्यकता है? हम नतीजों को कैसे मापने जा रहे हैं?’’
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उन्होंने कहा कि ये जटिल चुनौतियां हैं और आपदा जोखिम कम करने में लंबा इतिहास रखने वाले देश भी उनसे जूझ रहे हैं। उन्होंने एक-दूसरे से सीखने तथा आपस में सहयोग करने का आह्वान किया।
मिश्रा ने कहा कि अगर आपदा जोखिम कम करने के तरीके में परिवर्तनकारी बदलाव लाना है तो इन चुनौतियों से निपटना होगा।
उन्होंने कहा कि यह हमारे जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के प्रयासों में और अधिक प्रभावी बनाने में भी मदद करेगा।