राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस के एक्शन पर कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल, भाजपा पर लगाये ये आरोप

राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने गंभीर सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे खराब उदाहरण है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 March 2023, 3:42 PM IST
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नई दिल्ली: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्रीनगर में महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर दिये गये बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस ने इसके लिये केंद्र की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे खराब उदाहरण है। बता दें कि रविवार सुबह पुलिस ने राहुल गांधी के घर दबिश दी थी और तीन दिन पहले उनको नोटिस जारी किया था। 

इस मामले में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मोदी सरकार पर सवाल खड़े किये। कांग्रेस ने कहा कि सरकार अडाणी मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने और राहुल गांधी को परेशान करने के लिये ये हथकंडे अपना रही है।

इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य सभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सिर्फ तीन दिनों में नोटिस देकर पुलिस राहुल गांधी के घर पहुंच गई है। वो भी 45 दिनों के बाद. क्या यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी सरकार से मुश्किल सवाल पूछ रहे हैं। यह हरासमेंट है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 16 मार्च को राहुल गांधी को पुलिस द्वारा एक नोटिस भेजा गया। जिसमें दिल्ली पुलिस ने उनसे 'भारत जोड़ो यात्रा' में मिली पीड़ित महिलाओं की जानकारी मांगी थी। आज पुलिस नए नोटिस के साथ फिर यही सवाल पूछने आ गई। यह उत्पीड़न, प्रतिशोध और धमकी की राजनीति का नया आयाम बनाया गया है।

अशोक गहलोत ने कहा कि बिना किसी ऊपरी इशारे के दिल्ली पुलिस इस प्रकार का साहस करे, यह असंभव है। 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा होगा कि इस आधार पर केस दायर कर किसी राजनेता से पूछताछ की गई हो। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।

जयराम रमेश ने कहा कि जब से 16 पार्टियों ने अडानी घोटाले पर JPC की मांग और राहुल जी ने सदन में अपनी बात रखी है, तब से मोदी सरकार ने राहुल जी को बदनाम करने की रणनीति अपनाई है। जब तक धमकी, प्रतिशोध की राजनीति चलेगी, तब तक जिस "Middle Path" की बात गृहमंत्री करते हैं, वह असंभव है।

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