

मोहन माझी को ओडिशा का नया मुख्यमंत्री बनाने का ऐला किया गया है। वो ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री होंगे। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये मोहन माझी के बारे में
भुवनेश्वर/नई दिल्ली: ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) समेत नवीन पटनायक को 24 साल बाद करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही ओडिशा में मुख्यमंत्री के रूप में पटनायक युग का खत्म हो गया। भाजपा ने पहली बार राज्य में चुनाव जीता है और ओडिशा भाजपा पहले मुख्यमंत्री का ताज मोहन चरन माझी के सिर पर सजने वाला है। वे ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री होंगे।
मंगलवार को मोहन माझी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और उनको मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी। वे कल ओडिशा के सीएम पद की शपथ लेंगे। मोहन माझी के साथ केवी सिंह देव और प्रभाती परिदा उप-मुख्यमंत्री होंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये ओडिशा में भाजपा के पहले सीएम मोहन माझी और उनके सियासी सफर के बारे में।
मोहन माझी 52 साल की उम्र में ओडिशा में पहली बार भाजपा के सीएम पद संभालेंगे। मोहन माझी ओडिशा के चार बार विधायक रह चुके हैं।
इस विधानसभा चुनाव में वे क्योंझर सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने 11,577 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
सरपंच से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले मोहन माझी सीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले राज्य के पहले ने है। उन्होंने सरपंच ( 1997-2000) के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और लगातार आगे बढ़ते चले गये।
वह पहली बार 2000 में क्योंझर से राज्य विधानसभा के लिए विधायक चुने गए थे। वह तबसे लगातार क्योंझर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
न्हें राज्य में एक एक मजबूत आदिवासी नेता माना जाता है। वे ओडिशा में समय-समय पर आदिवासियों की आवाज बुलंद करते रहे हैं। उनको अपने खास संगठनात्मक कौशल के लिए भी जाना जाता है।
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