Assembly Election: भाजपा ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची की जारी, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करने के एक दिन बाद, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक और उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विधानसभा चुनाव में जूटी भाजपा
विधानसभा चुनाव में जूटी भाजपा


भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करने के एक दिन बाद, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक और उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। इसके साथ ही अब तक भाजपा के घोषित उम्मीदवारों की संख्या 79 हो गई है।

भाजपा की नवीनतम उम्मीदवार मोनिका बट्टी हैं, जो अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी (एबीजीपी) के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत मनमोहन शाह बट्टी की बेटी हैं। वह पिछले हफ्ते भाजपा में शामिल हुई थीं।

मोनिका कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।

भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। 230 सदस्यीय सदन के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। अभी चुनाव का औपचारिक कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है।

सोमवार को घोषित दूसरी सूची में भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास (सुरक्षित), प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से और नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी से टिकट दिया गया है।

भाजपा द्वारा मौजूदा लोकसभा सदस्यों को टिकट देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मप्र कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने दावा किया कि यह मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए हार स्वीकार करने जैसा है और उसने 'झूठी उम्मीद का आखिरी दांव' खेला है।

कमलनाथ ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ दूसरी सूची पर एक ही बात सही है- नाम बड़े और दर्शन छोटे। भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपने सांसदों को विधानसभा का टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अपने को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा को जब आज ये दिन देखने पड़ रहे हैं कि उसको लड़वाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, तो फिर वोट देने वाले कहां से मिलेंगे। भाजपा आत्मविश्वास की कमी के संकटकाल से जूझ रही है। अबकी बार भाजपा अपने सबसे बड़े गढ़ में, सबसे बड़ी हार देखेगी। कांग्रेस भाजपा से दोगुनी सीट जीतने जा रही है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार डबल हार की ओर बढ़ रही है।’’

उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनाव में, कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं थीं, जबकि भाजपा को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी इसके बाद कांग्रेस ने कमल नाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों के विद्रोह के बाद सरकार गिर गई, जिससे शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी का रास्ता साफ हो गया।

विद्रोह के बाद विधायकों के पाला बदलने के कारण हुए उपचुनावों के बाद, 230 सदस्यीय सदन में भाजपा के पास अब 126 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं।










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