महराजगंज: महराजगंज ज़िले के पनियरा थाने के विवादित थानेदार अखिलेश प्रताप सिंह के कारनामे सिर-चढ़कर बोल रहे हैं। इलाक़े के सौरहा गाँव में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी की जाती है लेकिन पुलिस कोई मुकदमा नहीं लिखती।
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न्यायालय के आदेश पर अभियुक्त मुन्नीलाल निषाद और रामचन्द्र के खिलाफ पाक्सो एक्ट और SCST की गम्भीर धाराओं में केस दर्ज होता है। इसके बाद आरोपियों पर न्यायालय से NBW जारी होता है लेकिन डेढ़ महीने बाद भी आरोपियों को गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश करने की बजाय थानेदार अपने ही थाने में बैठाकर अभियुक्तों की आवभगत करते नज़र आ रहे हैं।
अभियुक्त अपने बचाव में इलाहाबाद हाईकोर्ट भी गये लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इतना सब कुछ होने के बाद भी आख़िर क्यों पनियरा थानेदार अपराधियों को बचा रहे हैं? इसके पीछे क्या स्वार्थ है? यह बेहद गम्भीर सवाल है।
एडीजी ने सारे मामले की जाँच सीओ स्तर के अधिकारी को सौंप दी है।

