पढ़िए किस तरह हुई थी ‘मूर्ख दिवस’ की शुरुआत
1 अप्रैल को दुनियाभर में मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यूं तो हंसी-मजाक के लिए कोई दिन या मौके की जरुरत नहीं होती लेकिन पूरी दुनियां में जिस दिन को हंसी-मजाक के लिए विशेष तौर पर चुना गया है वो है 1 अप्रैल का।
नई दिल्ली: सभी जानते हैं कि 1 अप्रैल के दिन सभी को मूर्ख बनाया जाता है। इतना ही नहीं बच्चे तो आज के दिन सबसे ज्य़ादा खुश रहते हैं और सबको मूर्ख बनाने के लिए खुराफात करते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के दिन क्यों सभी को बेवकूफ बनाया जाता है? क्यों सभी को मूर्ख बनाकर आसानी से कह देते हैं कि अप्रैल फूल बनाया...और इस पर सामने वाला इंसान भी गुस्सा नहीं होता।
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वैसे तो अप्रैल फूल दिवस के मनाने पीछे कोई ठोस कारण नहीं है लेकिन इसके बारे में ऐसा कहा जाता है की अप्रैल फूल दिवस का सबसे पहले जिक्र 1392 में ब्रिटिश लेखक चॉसर की किताब कैंटरबरी टेल्स में मिलता है। इस किताब की एक कहानी नन्स प्रीस्ट्स टेल के मुताबिक इंग्लैण्ड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च घोषित कर दी गई जिसे वहां की जनता ने सच मान लिया और मूर्ख बन बैठे। तब से 32 मार्च यानी 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाया जाता है।
प्राचीन रोम में एक दिन मजाक के रूप में मनाया जाता था जिसे हीलरिया कहा जाता था। इस लोग एक त्यौहार के रूप मे मनाते थे और इस प्राचीन रोम के लोग वीनस देवी की पूजा करते थे।
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