अमृता फडणवीस मामला: अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अनिल जयसिंघानी की याचिका खारिज की

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

अमृता फडणवीस (फाइल)
अमृता फडणवीस (फाइल)


मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

जयसिंघानी ने अपनी गिरफ्तारी को ‘‘अवैध’’ बताते हुए इसे चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता को उसकी गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मुंबई में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था।’’

दक्षिण मुंबई के मालाबार थाने ने कथित तौर पर कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के मामले में अनिल जयसिंघानी और उसकी बेटी अनिक्षा जयसिंघानी के खिलाफ 20 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी। क्लिप में कथित रूप से दिखाया गया था कि अमृता फडणवीस, अनिक्षा से फायदा ले रही हैं।

उन पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

पीठ ने, हालांकि इस बात पर गौर किया अनिल जयसिंघानी को 19 और 20 मार्च के बीच तड़के हिरासत में लिया गया और गुजरात के वेजलपुर पुलिस थाने ले जाया गया।

अनिक्षा को इस मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और एक सत्र अदालत ने 27 मार्च को उसे जमानत दे दी।

उसके पिता अनिल को बाद में मुंबई पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया और वह न्यायिक हिरासत में है।

अनिल जयसिंघानी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे मामले में 19 मार्च को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कानूनी अनिवार्यता के अनुसार 24 घंटे के अंदर अदालत में पेश नहीं किया गया।

अनिल के वकील मृगेंद्र सिंह ने दलील दी थी कि उसे गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की अदालत में पेश किया गया था।

सिंह ने आरोप लगाया कि मामले में हर चीज पर शिकायतकर्ता के पति नजर रख रहे हैं, जो महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं।

राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरी प्रक्रिया का पालन उचित तरीके से किया और जयसिंघानी को रिमांड के लिए अदालत में पेश करने में कोई देरी नहीं हुई।










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