'ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है'..
पूर्वांचल एक बार फिर नया इतिहास लिखने को बेताब है। यूपी की राजनीति में सबसे कद्दावर राजनेता बनकर उभरे योगी आदित्यनाथ से रविवार की सुबह नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने मुलाकात की। इस मुलाक़ात के क्या मायने हैं.. इससे क्या गोरखपुर औऱ महराजगंज जिले की राजनीति में कोई नया समीकरण बनेगा.. यह जानते हैं डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में-
नई दिल्ली: रविवार की सुबह पूर्वांचल से एक बड़ी खबर सामने आय़ी। नौतनवा सीट पर हवाओं का रुख मोड़ते हुए निर्दलीय अमनमणि त्रिपाठी ने अपनी ऐतिहासिक जीत से लोगों को हतप्रभ कर देने के बाद वे अचानक आज गोरखनाथ मंदिर पहुंच गये और यूपी की राजनीति में नये किंग बनकर उभरे योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की औऱ उनका आशीर्वाद लिया।
यह मुलाकात अनायास नही हुई, इसके कई मायने हैं जो आने वाले दिनों में पूर्वांचल के दो खास जिलों गोरखपुर औऱ महराजगंज के राजनीतिक समीकरणों को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है।
योगी साबित होंगे सबसे बेहतर सीएम
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यूपी में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है ऐसे में उसे किसी निर्दलीय विधायक की जरुरत नही है। यह जानते हुए भी अमन ने खुले तौर पर न सिर्फ भाजपा के बड़े नेता योगी से मुलाकात की बल्कि मीडिया से बातचीत में खुले तौर पर कहा कि आदित्यनाथ सबसे बेहतर सीएम साबित होंगे।
दस साल पहले पड़ी मधुर रिश्तों की नींव
इतिहास के झरोखें में देखें तो दस साल पहले 27 जनवरी, 2007 को मुलायम सरकार में गोरखपुर में जब सामप्रदायिक बवाल हुआ और योगी आदित्यनाथ गिरफ्तार किये गये तो गोरखपुर जेल में बंद होने के दौरान शासन की मंशा के विपरित अमन के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ने स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए योगी को जेल के भीतर आवश्यक सुविधायें मुहैया कराने में मदद की थी। यहीं से अमरमणि ने अपने राजनीतिक रिश्ते योगी से मधुर किये।
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ताकत बढ़ना तय
वर्तमान राजनीतिक विकल्पों और परिस्थितियों को देखते हुए अमन ने अपने पत्ते खोल दिये हैं और योगी के दरबार में हाजिरी लगा दी है अब देखना होगा योगी का अगला कदम क्या होता है वे किस हद तक मणि परिवार को राजनीतिक तौर पर अपना सहयोग देते हैं लेकिन इतना तो तय है कि पूर्वांचल की राजनीति के सबसे असरदार चेहरे योगी के शरण में जाने से अमन की ताकत बढ़ेगी ही।
(साथ में गोऱखपुर से डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता शिवेन्द्र चतुर्वेदी)