दलित साधु को जूना अखाड़ा ने पहली बार दी 'महामंडलेश्वर' की उपाधि

डीएन संवाददाता

इलाहाबाद के जूना अखाड़े ने लिया एक बड़ा फैसला लिया है। अखाड़े ने दलित संत को दी महामंडलेश्वर की उपाधि देने के निर्णय लिया है। पूरी खबर..

संत कन्हैया कुमार कश्यप
संत कन्हैया कुमार कश्यप


इलाहाबाद: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में शामिल जूना अखाड़े ने शुक्रवार को दलित संत को 'महामंडलेश्वर' की उपाधि देने की घोषणा की हैं। जिले के मौजगिरी आश्रम में जूना अखाड़े के साधु-सन्तों की उपस्थिति में दलित संत कन्हैया कुमार कश्यप दीक्षा और संस्कार के बाद कन्हैया प्रभुनंद गिरी बनाया गया है।  

यह भी पढ़ें | भारतीय संस्कृति को निभाते हुए कानपुर IIT ने 50 वें दीक्षांत समारोह का किया आगाज़

हैरानी वाली बात यह है कि सनातन संस्कृति के इतिहास में पहली बार अखाड़े ने किसी दलित को महामंडलेश्वर उपाधि देने का निर्णय लिया हैं। जूना अखाड़े ने दलित संत को धर्माचार्य के बड़े पद पर बिठाने का निर्णय कर लिया है। हालाँकि अखाड़ों की बैठक के बाद ही उनकी पदवी की घोषणा की जा सकेगी।  

यह भी पढ़ें | आज ही के दिन भारत की पहली महिला राष्ट्रपति पाटिल को डी लिट की उपाधि से नवाजा गया था

वहीं इस पर बोलते हुए  जूना अखाड़ा के संत पंचानन गिरी ने कहा कि सनातन धर्म में हमेशा से ही बाद पैमाने पर कुरीतियां रही है। जिसे धर्म का पतन हो रहा है।  ऐसे में कुरीतियों को रोकने के लिए जूना अखाड़े ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सहमति से ही दलित संत को धर्माचार्य की पदवी देने का निर्णय लिया है।  
 










संबंधित समाचार