

इस दुनिया में इंसान की उम्र किसी काम को करने के लिए कोई मायने नहीं रखती है, ये साबित करके दिखाया है एक 14 साल के बच्चे ने जिसे लोग ह्यूमन कैलकुलेटर भी कहते हैं। यह बच्चा एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है।
लंदन: आमतौर पर 14 साल की उम्र में बच्चे स्कूल जाते हैं लेकिन यह मुस्लिम बच्चा दुनिया के सबसे कम उम्र का प्रोफेसर बना जो बड़ों को गणित की तालीम दे रहा है। इस छोटे से प्रोफेसर का नाम है याशा एस्ले। याशा के पिता मूसा एस्ले रोज उसे छोड़ने अपनी कार से लीसेस्टर युनिवर्सिटी जाते हैं और उसकी इस काबिलियत पर गर्व करते हैं। याशा को गणित में बहुत रुचि है। याशा अपना डिग्री कोर्स खत्म करने के करीब है और जल्द ही अपनी पीएचडी शुरू करने वाला है।
14 साल के याशा का कहना है कि ये साल उनका सबसे अच्छा साल है। उनको इसी साल नौकरी मिली है, लेकिन उनको नौकरी से ज्यादा वहां के छात्रों की मदद करने में मजा आता है। उसके पिता मूसा बताते हैं कि जब वह 13 साल का था तभी हमने लीसेस्टर युनिवर्सिटी से संपर्क किया था। उसकी उम्र कम थी, लेकिन युनिवर्सिटी का पैनल उसके गणित के ज्ञान को देखकर हैरान हो गया और उसी के बाद याशा को प्रोफेसर के रूप में चयनित किया गया।
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